Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

नेता हो तो ऐसा : प्रवासी मजदूरों के लिए लंगर चला रहे गोपाल भार्गव, खुद परोस रहे खाना

हमें फॉलो करें नेता हो तो ऐसा : प्रवासी मजदूरों के लिए लंगर चला रहे गोपाल भार्गव, खुद परोस रहे खाना
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 21 मई 2020 (21:24 IST)
लॉकडाउन में अपने घरों की ओर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रास्ते में भोजन उपलब्ध कराने के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के सीनियर नेता गोपाल भार्गव आगे आए है। अपने गृह नगर सागर जिले के गढ़ाकोटा में गोपाल भार्गव पिछले 10 दिनों से लंगर चलाकर प्रवासी मजदूरों को  भोजन करवा रहे हैं। 

सुबह से देर रात  चलने वाले इस लंगर में प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग पकवान परोसे जा रहे हैं। पिछले 10 दिनों से चल रहे इस लंगर का मीनू खुद वह तय करते है और प्रवासी मजदूरों को खाना भी अपने हाथ से परोसने में पीछे नहीं हटते है। इसके साथ वह प्रवासी मजदूरों के साथ लंगर में ही खुद भोजन करते है।
  
इन दिनों में लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश से गुजर रहे है। ऐसे में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने श्रमिकों के भोजन व्यवस्था का बीड़ा खुद उठाया है। इसके साथ वह भोपाल स्थित निवास से गरीबों को अन्न वितरित भी कर रहे हैं। इसके साथ बेटा अभिषेक भार्गव भी इन दिनों अपनी विधानसभा में राशन सामग्री के साथ, होममेड मास्क और सेनेटाइजर का वितरण कर रहे है।
webdunia
लंगर का मेन्यू - घर लौट रहे श्रमिकों के लिए चलाये जा रहे इस लंगर में गरम पूड़ी, तीन प्रकार की सब्जी, तली हुई मिर्च, आम का अचार, लौकी का हलवा परोसा जा रहा है। इसके अलावा बिस्कुट, अमूल का दूध, आइसक्रीम, फ्रूटी, ओआरएस घोल, छाछ-मट्ठा, अदरक-तुलसी की चाय, बच्चों के लिए कुरकुरे, चिप्स, नमकीन, टॉफी, तरबूज, खरबूज, अंगूर, केला और मिनरल वॉटर का भी इंतजाम है।
 
क्या कहते हैं पूर्व नेता प्रतिपक्ष - भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव कहते हैं कि कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के बाद जो श्रमिक अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं उनमें बुंदेलखंड के रहने वाले श्रमिक शामिल तो हैं, लेकिन मध्यप्रदेश भारत का ह्रदय प्रदेश में आसपास के कई राज्यों के लोग गुजर रहे है। हम भारतीय संस्कृति और अतिथि देवो भव को मानने वाले लोग हैं।

अंत्योदय हमारी विचारधारा में शामिल है।  इस दृष्टि से  समाज के शोषित, पीड़ित और जरूरतमंद लोगों को  भोजन, पानी और  जरूरत का सामान उपलब्ध करवाना  हमारी प्राथमिकता और धर्म है। उन्होंने कहा कि सेवा भाव के साथ ही यह लंगर चलाया जा रहा है।अब तक पूर्वी भारत के छह से अधिक राज्यों के तीन लाख मजदूरों को इस लंगर में खाना खिलाया जा चुका है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दुबई में भारतीय कारोबारी हुआ मालामाल, जीती 10 लाख डॉलर की लॉटरी