भोपाल। मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कमान अपने हाथों में ली है। गुरुवार को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में हुई भाजपा कोर ग्रुप की मैराथन बैठक में सरकार के कामकाज की समीक्षा के साथ मिशन 2023 की रणनीति पर मंथन हुआ। बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की सत्ता और संगठन से 2023 के चुनाव के रोडमैप के बारे में पूछा। कोर ग्रुप की बैठक में चुनावी एजेंडे पर विस्तृत चर्चा हुई। मिशन 2023 को लेकर हुई पहली इस बड़ी बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महाचिव बीएल संतोष, संघ और संगठन के बीच समन्वय की भूमिका निभाने वाले संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितांनद शर्मा भी मौजूद रहे।
चुनाव में हिंदुत्व होगा मुख्य एजेंडा-पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि कोर ग्रुप की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पार्टी 2023 का विधानसभा चुनाव हिंदुत्व के बलबूते पर लड़ेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे को आगे रखकर चुनाव लड़ा उस पर ही अब मध्यप्रदेश में पार्टी आगे बढ़ेगी। बैठक में खरगोन और बड़वानी हिंसा के मुद्दें के साथ-साथ बुलडोजर के मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी लाउडस्पीकर को लगाम लगाने पर आगे बढ़ने पर सहमति बनी।
लाभार्थी लगाएगा चुनावी नैय्या पार-केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को फोकस करने को लेकर भी कोर ग्रुप की बैठक में मंथन हुआ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ट्रंपकार्ड बने लाभार्थी कार्ड को पार्टी 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अपना मुख्य हथियार बनाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा देने के साथ-साथ केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी।
आदिवासी और ओबीसी वोट बैंक पर विशेष फोकस- पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि बैठक में मौजूद संघ के नेताओं ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने पर जोर दिया। बैठक में केंद्रीय नेताओं ने राज्य ईकाई को अनुसूचित जाति औऱ जनजाति के वोटर्स के बीच काम करने पर जोर दिया। बैठक में मौजूद संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने राज्य सरकार और संगठन को इस विषय में नए सिरे से रणनीति बनाने को कहा।
सत्ता और संगठन के समन्वय पर जोर- मिशन 2023 के लिए सत्ता और संगठन के बीच बेहतर समन्वय को लेकर भी चर्चा हुई। चुनाव को देखते हुए तय किया गया है कि अब कोर ग्रुप की बैठक हर दो महीने पर आयोजित होगी।
सरकार और संगठन में होगा फेरबदल-बैठक में मिशन 2023 को लेकर सरकार और संगठन में फेरबदल पर भी मुहर लगा दी गई। चुनाव को देखते हुए मौजूद मंत्रिमंडल में फेरबदल और संगठन में नए सिरे से जमावट के साथ-साथ खाली पदों को जल्द से जल्द भरने पर भी चर्चा हुई।