ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेश का सियासी पारा गर्मा गया है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों के अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होने और सिंधिया के ग्वालियर-चंबल में जबरदस्त सक्रियता ने प्रदेश में सियासी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। इस बीच शुक्रवार रात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ग्वालियर-चंबल की सियासत के दिग्गज नेता और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के घर अचानक पहुंचना और दोनों ही नेताओं के बीच बंद कमरे में आधे घंटे की मुलाकात को सियासी गलियारों में बेहद अहम माना जा रहा है।
यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र मुरैना में पिछले दिनों सिंधिया ने जमकर शक्ति प्रदर्शन किया और वहां पर उनके समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर डाली। इतना ही नहीं ग्वालियर के विकास कार्यों को लेकर जिस तरह से सिंधिया लगातार श्रेय लेने की सियासत करते दिखाई दे रहे है, उससे भाजपा के अंदर की राजनीति पूरे उफान पर है। गुना-शिवपुरी से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का पिछले दिनों ग्वालियर के विकास कार्यों की समीक्षा करना और बैठक में अधिकारियों के साथ भाजपा को पुराने नेता मनोज तोमर को सबसे सामने फटकार लगाना भी गुटीय राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्च 2020 में भाजपा में शामिल होने से पहले ग्वालियर-चंबल की सियासत में नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया को एक दूसरे का घुर विरोधी माना जाता था और दोनों ही नेता ग्वालियर-चंबल की सियासत में अपनी धमक थी। सिंधिया भले ही भाजपा में शामिल हो गए हो लेकिन उनकी राजनीति का क्लेवर अब भी कांग्रेस जैसा है। सिंधिया अपने समर्थकों को ग्वालियर-चंबल में खासा सक्रिय कर रखा है। इंदौर से आने वाले अपने सर्मथक मंत्री तुलसी सिलावट को ग्वालियर का प्रभारी मंत्री बनाकर ग्वालयिर के प्रशासन में सीधा दखल रखा है। इसके साथ अपने समर्थक मंत्री प्रदयुम्न सिंह तोमर को शिवपुरी और गोविंद सिंह राजपूत को गुना का प्रभारी मंत्री बनवा रखा है।
इसके साथ सिंधिया लगातार ग्वालियर के साथ अंचल के बड़े विकास कार्यों का श्रेय़ लेते हुए दिखाई दे रहे है, जिसको लेकर पिछले नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने अंदाज में तंज कसा था। मुरैना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने बिना सिंधिया का नाम लिए कहा कि कुछ नेता कहते हैं कि मैं लाया, मैं लाया, लेकिन उन्हें मैं मैं से फुर्सत ही नहीं मिलती। इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर कई मौकों पर इशारों ही इशारों में सिंधिय और उनके समर्थकों पर तंज कसते हुए दिखाई देते है।
वहीं पिछले दिनों नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ माने जाने वाले मुरैना में पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत के बहाने शक्ति प्रदर्शन और समर्थकों के मुख्यमंत्री बनाने की मांग की पोस्टबाजी ने भाजपा की अंदरूनी खींचतान को सतह पर ला दिया है। सियासत के जानकार बताते है कि मुरैना में “सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाओ, नहीं तो अपनी खैर बचाओ” का पोस्टर एक तरह से भाजपा हाईकामन पर एक तरह से दबाव की सियासत है।