भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस वक्त अपनों के चक्रव्यूह में फंसते हुए दिखाई दे रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर शुरू हुई गुटबाजी की कहानी अब अवैध रेत उत्खनन को लेकर इस वक्त अपने चरम पर पहुंच गई है। विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा पहला मौका आया है, जब दिग्विजय और सिंधिया गुट घोषित तौर पर आमने-सामने आ गए हैं।
दोनों ही गुटों के नेता खुलकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में अब सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ एक तरह से दोनों गुटों के चक्रव्यूह में फंस गए हैं और अब उनको खुद डैमेज कंट्रोल के लिए सामने आना पड़ा है।
सिंधिया-दिग्विजय गुट आमने-सामने : प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन को लेकर पार्टी के अंदर बड़े नेताओं के बीच सिर फुटौव्वल सामने आ गई है। सरकार के दिग्गज मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने सार्वजनिक तौर पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन के खिलाफ वह भाजपा शासनकाल के लगातार लड़ते रहे, लेकिन उनकी पार्टी की सरकार बनाने के बाद भी वह अवैध उत्खनन रोकने में नाकामयाब रहे हैं। गोविंद सिंह ने एक टीआई पर रेत माफियाओं से 50-60 लाख रुपए वसूलने का आरोप भी लगा दिया।
सरकार के सबसे सीनियर मंत्री ने जैसे ही अपनी सरकार को घेरा उसके तुरंत बाद अब खुद उन्हीं के पार्टी के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भिंड से कांग्रेस विधायाक ओपीएस भदौरिया और रणवीर जाटव ने गोविंद सिंह के बयान पर नाराजगी जातते हुए कहा कि उनको अपनी बात पार्टी के फोरम और कैबिनेट में रखनी चाहिए।
उन्होंने गोविंद सिंह पर अवैध रेत खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वो चाहें तो एक दिन में अवैध खनन रुक जाए। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने गोविंद सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी ही विधानसभा में सबसे अधिक अवैध उत्खनन हो रहा है।
अपने ही विधायकों से घिरने के बाद अब मंत्री गोविंद सिंह खुलकर मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने दोनों कांग्रेस विधायकों को सिंधिया गुट का बताते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से पूरे मामले की न्यायिक करने की मांग करते हुए एलान कर दिया कि अगर उन पर आरोप साबित हुए तो वो राजनीति से छोड़ देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिंधिया गुट के विधायक जानबूझकर दिग्विजय गुट से जुड़े विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर घमासान : दिग्गज कांग्रेस नेता गोविंद सिंह के बयान के बाद अब तो यह साफ हो गया है कि प्रदेश में भले ही कांग्रेस की सरकार बन गई है, लेकिन गुटबाजी अब भी अपने चरम पर है। कांगेस के नए अध्यक्ष को लेकर पहले ही सिंधिया गुट के मंत्रियों और नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है।
इस बीच अध्यक्ष पद के लिए जैसे ही दिग्विजय गुट के माने जाने वाले अजय सिंह के पक्ष में गोलबंदी होती दिखाई दी तो सिंधिया समर्थक बैचेन हो उठे है और उन्होंने साफ तौर पर इस्तीफा देने की धमकी दे डाली।
ऐसे में जब संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार तक प्रदेश कांग्रेस को अपना नया मुखिया मिल जाएगा तब कांग्रेस में आने वाले दिनों में यह गुटबाजी और बढ़ती हुई दिखाई दे सकती है ऐसे में गुटबाजी के इस चक्रव्यूह से निकलना प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के लिए आसान नहीं होगा।