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मध्यप्रदेश में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बड़े दलबदल की आशंका, मालवा-निमाड़ के विधायकों पर टिकी नजर

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विकास सिंह

, बुधवार, 16 नवंबर 2022 (15:10 IST)
भोपाल। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश में एंट्री से पहले सूबे की सियासत में एक बड़े दलबदल की अटकलें तेज हो गई है। सियासी गलियारों में कांग्रेस के कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में जब प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम वक्त शेष बचा है, तब राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के बीच भाजपा के ऑपरेशन लोट्स को लेकर सियासी पारा गर्मा गया है। भाजपा की नजर राष्ट्रपति चुनाव में क्रांस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों पर टिकी हुई है।

मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू कर भाजपा ने कांग्रेस के उन आदिवासी विधायकों के सामने असमंजस की स्थिति ला दी है जो लंबे समय से प्रदेश में पेसा कानून लागू करने की बात कर रहे थे। आदिवासी संगठन जयस से जुड़े और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने पेसा एक्ट लागू करने की मांग कई बार विधानसभा में करने के साथ मीडिया के सामने भी कर चुके है।

वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के केंद्र मालवा-निमाड़ के कई कांग्रेस विधायक भी अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे है। वहीं प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंच पर नजर आने वाले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला भी अब तक अपनी विधायकी नहीं छोड़ी है न उन्होंने ऑफिशियल तौर पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, यह बात अलग है कि सचिन बिरला मीडिया के साथ अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भाजपा का चुनान चिन्ह कमल लगाने के साथ भाजपा का प्रचार-प्रसार कर रहे है।

इसके साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई और उपचुनाव में डबरा से हार का सामना करने वाली इमरती देवी को लेकर लंबे समय से कांग्रेस में वापसी की अटकलें लगती आई है। हलांकि इमरती देवी कांग्रेस में जाने की अफवाहों को सिरे से खारिज करती हुई आई है। इसके साथ जबलपुर से कांग्रेस विधायक भी अपने ही मुखिया की नीतियों को लंबे समय से घेरते हुए नजर आते रहे है।

कांग्रेस विधायको के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को कांग्रेस के बड़े नेता सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिनको कांग्रेस छोड़कर जाना था वह जा चुके है अब कांग्रेस का कोई विधायक नहीं जाने वाला है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कुछ भाजपा विधायकों के अपने संपर्क में होने का बयान देकर सियासी पारे को और चढ़ा दिया है। कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट की चाहत में भाजपा के कुछ विधायक उनके संपर्क में है, लेकिन वह अपने संगठन के नेताओं को ही टिकट देंगे।

कमलनाथ के भाजपा विधायकों के संपर्क में होने के बयान के बाद भाजपा की ओर से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभालते हुए तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ जब-जब ऐसा बोलते हैं तब-तब कांग्रेस टूट जाती है। विधायकों को तोड़ने की शुरुआत कमलनाथ ने ही की थी इसलिए राहुल गांधी और कमलनाथ कांग्रेस पार्टी को खत्म करने के अभियान में लगे हुए हैं।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ ने जब विधानसभा में भाजपा विधायकों को अपने साथ बैठाकर प्रेस कॉफ्रेंस की तो कांग्रेस सरकार चली गई वहीं इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि राहुल गांधी और कमलनाथ ने कांग्रेस की सुपारी ली है और उसे निपटा कर ही मानेंगे।
 

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