भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में कम वोटिंग को सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा कम वोटिंग के लिए निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए बीएलओ पर निशाना साध रही है तो कांग्रेस ने इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय षड़यंत्र की आंशका जाहिर की है।
कांग्रेस को षड्यंत्र की आंशका-मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोटरों को मतदान पर्चियां नहीं मिलने पर कांग्रेस ने षड़यंत्र की आंशका जाहिर की है। कांग्रेस मीडिया सेल के चैयरमेन केके मिश्रा ने पूरे मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि निकाय चुनावों में मतदाता सूचियों में हुई गड़बड़ी, धांधली व अनियमितता को लेकर राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की BJP नेताओं को सलाह "चुप रहें, बात आप पर भी जाएगी" कहीं उच्च स्तरीय षड्यंत्र तो नहीं?
केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में मतदाता सूची में सुनियोजित तरीके से बड़े स्तर पर नाम काटे गए। इसके पीछे उन्होंने कलेक्टर की भूमिका पर सवाल खड़े किए है।
बीएलओ पर कार्रवाई को लेकर अड़ी भाजपा-6 जुलाई को पहले चरण में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर समेत कई नगर निगमों में कम वोटिंग के लिए भाजपा लगातार बीएलओ की भूमिका पर सवाल उठा रही है। भाजपा का आरोप है कि मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में थे लेकिन उनमें से अधिकांश मतदाताओं को मतदान पर्चियां नहीं मिली, जिसके कारण हजारों की संख्या में मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित रह गए।
भाजपा का आरोप है कि बीएलओ के उपर कोई भी प्रभावी नियंत्रण नहीं था जिससे बीएलओ ने मतदान पर्चियां मतदाताओं को नहीं वितरित की। भाजपा लगातार चुनाव आयोग से मांग कर ऐसे बीएलओ की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है।
भोपाल में BLO पर कार्रवाई की सिफारिश-मतदान पर्चियां नहीं बांटने पर भोपाल के वार्ड 83 के बीएलओ अक्षर अहिरवार पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। भाजपा के पार्षद उम्मीदवार रवींद्र यति ने आरोप लगाया है कि बीएलओ ने मतदाता सूची का वितरण नहीं किया। पूरे मामले की एसडीएम से जांच में सामनने आया कि बीएलओ ने सभी मतदाता सूची अपने घर पर रखी हुई थी। इसके बाद अब बीएलओ पर कार्रवाई की सिफारिश की है।