भोपाल। राजधानी भोपाल में प्रशासनिक नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण सतपुड़ा भवन में शॉर्ट सर्किट से लगी एक छोटी सी आग के देखते ही देखते विकराल आग में बदल जाने के बाद अब स्मार्ट सिटी के दावे करने वाली सरकार के दावे पर सवालिया निशाना उठा खड़ा हो गया है। हजारों करोड़ की लगात से सरकार भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा भले ही कर रही हो लेकिन जिस तरह सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे, उसने कई सवाल खड़े कर दिए है।
लापरवाही से भड़की सतपुड़ा की आग!-सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल से लगी आग देखते ही देखते अगर छठी मंजिल तक पहुंच गई तो इसके लिए लापरवाही सबसे बड़ा कारण है। सतपुड़ा भवन में एक दिन में 10 हजार के करीब कर्मचारियों और आम लोग आवाजाही रहती है। लेकिन लापरवाही की इंतहा देखिए कि बिल्डिंग में न होजरील फायर सिस्टम था और न स्मोक डिटेक्सट सिस्टम। अगर बिल्डिंग में होजरील फायर सिस्टम होता तो फायरकर्मियों को आग बुझाने में काफी आसानी होती।
इतना ही आग बुझाने पहुंची फायर ब्रिगेड़ की दमकलों में पानी का इतना प्रेशर नहीं था कि चौथी मंजिल तक पानी का प्रेशर पहुंच सके और आग पर काबू किया जा सके। वहीं आग बुझाने के लिए नगर निगम की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म इस भीषण आग के समय केवल शोपीस बनकर खड़ा रहा गया। आग बुझाने में लगी 32 दमकल की गाड़ियां केवल खानापूर्ति करती नजर आई। दमकल की गाड़ियों तीसरी मंजिल की आग बुझाती रही लेकिन आग की लपटें छठीं मंजिल तक पहुंचक पूरे सतपुड़ा भवन को करीब-करीब खाक कर दिया। देर रात इंदौर से भोपाल पहुंची दो फायर की गाड़ियां जो हाईराइज बिल्डिंग की आग को बुझाने में सक्षम थी, वह एय़रपोर्ट की फायर फाइटर के साथ मिलकर आग पर काबू पा सकी।
फायर ऑडिट नहीं होना सवालों के घेरे में?- सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद एक बार फिर हाइराइज बिल्डिंग के फायर ऑडिट का मुद्दा गर्मा गया है। प्रदेश में जब भी कोई बड़ी इमारत में आग लगती है तो उसके बाद फायर ऑडिट का मुद्दा उठता है लेकिन केवल कुछ दिनों की खानापूर्ति के बाद यह कवायद बंद कर दी जाती है। वहीं सरकार इमारतों के फायर ऑडिट नहीं किए जाने को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। प्रशासनिक नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद यहां पर स्थित विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों ने भी सवाल खड़े किए है। कर्मचारियों ने बिल्डिंग में आग बुझाने के उपकरण में खामियों के साथ प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।