खबर पर मोहर: कमला नेहरू अस्पताल में आग की घटना आपराधिक लापरवाही, बोले शिवराज,दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

'वेबदुनिया' ने अपनी खबर 'लापरवाही की आग' में जिम्मेदारों की लापरवाही का उठाया था मुद्दा

विकास सिंह
मंगलवार, 9 नवंबर 2021 (13:55 IST)
भोपाल। राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में ‘वेबदुनिया’ की खबर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान ने अपनी मोहर लगा दी है। मुख्यमंत्री ने कमला नेहरू अस्पताल में अग्निकांड को आपराधिक लापरवाही बताते हुए दोषियों को किसी भी सूरत नहीं बख्शने के निर्देश दिए है।
 
कैबिनेट की बैठक से पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में कल एक हृदय विदारक और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसके कारण हमारे कई नौनिहाल चले गये। मन और आत्मा व्यथित है। मैंने जांच के निर्देश दिये हैं। यह लापरवाही,आपराधिक लापरवाही है। इसमें जो भी दोषी होगा,उसे बख्शा नहीं जाएगा”।
ALSO READ: भोपाल में अस्पताल में ‘लापरवाही’ की आग ने बुझाए कई घरों के चिराग,राष्ट्रीय बाल आयोग ने सरकार से तलब की रिपोर्ट
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में फिर से फायर सेफ्टी का ऑडिट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है,दूसरी कोई और घटना न घटे, हमें इसकी चिंता करनी है। कुछ व्यवस्थागत परिवर्तन और आवश्यकताएं हैं,उसे किया जायेगा,ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
 
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि “कमला नेहरू अस्पताल में घटी इस दुर्भाग्यूपर्ण घटना में कुछ लोगों तथा डॉक्टर्स, नर्स, वॉर्ड बॉय ने अपनी जान हथेली पर रखकर 36 नौनिहालों को बचाने का काम किया। मैं उनको धन्यवाद देता हूं। बच्चों की जिंदगी बचाने वालों को सम्मानित किया जायेगा”।
 
ग्राउंड रिपोर्ट में लापरवाही का खुलासा- कमला नेहरु अस्पताल में हुए अग्निकांड ने एक बार फिर सरकार के अस्पतालों में सेफ्टी दावों की पोल खोल दी है। अस्पताल में मामूली चिंगारी से भड़की आग के विकराल रुप होने का सबसे बड़ा कारण अस्पताल में आग बुझाने में लगे हाईड्रेंट का बंद होना बताया जा रहा है। 
 
इसके साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में स्थित कमला नेहरू अस्पताल ने पिछले 15 सालों से फायर एनओसी लेने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके साथ 8 मंजिला कमला  नहेरू अस्पताल में आग के साथ किसी भी आपात स्थिति में बचाव के लिए कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। अस्पताल के हर फ्लोर पर लगे फायर एक्सटींग्यूर काम नहीं कर रहे थे। 
 
कमला नेहरु अस्पताल भोपाल गैस पीड़ितों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल है और यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते है। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि अस्पताल में दाखिल होने का एक मात्र रास्ता है जो काफी संकरा है, इसके साथ सीढ़ियों पर बड़ी संख्या में इलाज के लिए भर्ती मरीज के परिजन रहते है। इसके साथ यहां ओपीडी के पर्चे बनवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगती है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख