भोपाल। लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर बीजेपी में इस समय माथापच्ची जारी है। पार्टी ने मध्यप्रदेश में अब तक 17 सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है, लेकिन अब तक पार्टी भोपाल, इंदौर और विदिशा जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर निर्णय नहीं ले सकी है।
बीजेपी लोकसभा चुनाव में क्या रणनीति अपना रही है और पार्टी ने लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर किस तरह का क्राइटेरिया अपनाया है, इसको लेकर 'वेबदुनिया' के पॉलिटिकल एडिटर विकास सिंह ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से खास बातचीत की।
बातचीत में भार्गव ने कहा कि बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव के टिकट दो मुख्य मापदंड बनाए थे जिसमें उम्मीदवार राजनीतिक परिवार से नहीं होना चाहिए और दूसरा 75 पार के नेताओं को टिकट नहीं देने पर निर्णय लिया गया है।
'वेबदुनिया' के इस सवाल पर कि क्या इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन, जो 76 साल की हैं, उन पर ये फॉर्मूला लागू होगा? पर गोपाल भार्गव कहते हैं कि सुमित्रा महाजन के टिकट के बारे में निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संसदीय बोर्ड फैसला करेंगे।
भोपाल, इंदौर और विदिशा से अब तक उम्मीदवार नहीं घोषित करने को भार्गव पार्टी की एक रणनीति बताते हैं व कहते हैं कि मध्यप्रदेश में कुछ सीटों पर उम्मीदवार कौन होगा, इसका निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।
बातचीत में गोपाल भार्गव बेटे अभिषेक भार्गव की सागर से टिकट दावेदारी वापस लेने पर कहते हैं कि पार्टी ने जब राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वालों को टिकट नहीं देने का निर्णय किया तो उनके कहने पर बेटे ने सार्वजनिक तौर पर अपना नाम वापस लेने का ऐलान कर दिया, लेकिन बेटे की दावेदारी खत्म होने पर गोपाल भार्गव मायूस भी दिखते हैं। भार्गव साफ कहते हैं कि अभिषेक बालिग हैं और अपने भविष्य का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।