भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़ब़ड़ी के आरोपों के बाद चौतरफा घिरे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापमं) की क्लीन चिट मिल गई है। पूरे मामले की जांच कर रही मैपआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है,जांच रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा के रिजल्ट को एक बार ही जारी करने की बात कही गई है।
सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सिर्फ विकास मीणा की तरफ से शिकायत आई थी जिसमें उन्होंने पहले क्वालिफाइड और बाद में डिसक्वालिफाइड होने की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता विकास मीणा की शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि वह पहले सही डिसक्वालिफाइड ही थे और पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम एक ही बार ही घोषित हुआ है।
इसके साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि पूरी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के 2017 के एक निर्णय के अनुसार ही की गई है। परीक्षा में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण यथावत है और परीक्षा परिणाम कट ऑफ मार्क्स के आधार पर जारी किया गया है।
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा पर क्य़ा थे आरोप?- मध्यप्रदेश में लंबे इंतजार के बाद 6 हजार पदों के लिए शुरु हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिखित परीक्षा के रिजल्ट को लेकर कई तरह के विवाद खड़ा हो गए थे। लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने रिजल्ट में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ज्यादा नंबर लाने के बाद उनको नॉट क्वालीफाइड बता दिया गया जबकि उसकी कैटेगरी में कम नंबर वालों को क्वालीफाइड बता दिया गया है। कुछ अभ्यर्थियों का आरोप था कि उन्हें पहले क्वालीफाइड और बाद में नॉट क्वालीफाइड बता दिया गया।