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शर्मनाक! मध्यप्रदेश के दमोह में सूखे से मुक्ति के लिए बच्चियों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया

हमें फॉलो करें शर्मनाक! मध्यप्रदेश के दमोह में सूखे से मुक्ति के लिए बच्चियों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया
, मंगलवार, 7 सितम्बर 2021 (13:43 IST)
दमोह (मप्र)। मध्यप्रदेश के दमोह जिले के एक गांव में कथित तौर पर बारिश के लिए देवता को खुश करने और सूखे जैसी स्थिति से राहत पाने के लिए एक कुप्रथा के तहत कम से कम 6 बच्चियों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाए जाने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले में संज्ञान लेते हुए दमोह जिला प्रशासन से इस घटना की रिपोर्ट तलब की है।
 
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जबेरा थाना क्षेत्र के बनिया गांव में रविवार को यह घटना हुई। दमोह के जिलाधिकारी एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि एनसीपीसीआर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
 
करेंगे कार्रवाई : जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) डीआर तेनिवार ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि स्थानीय प्रचलित कुप्रथा के तहत बारिश के देवता को खुश करने के लिए कुछ नाबालिग लड़कियों को नग्न कर घुमाया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस इस घटना की जांच कर रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का मानना है कि इस प्रथा के परिणामस्वरूप बारिश हो सकती है।
 
जानकारी के मुताबिक, सूखे की स्थिति के चलते बारिश ना होने के कारण पुरानी मान्यता के मुताबिक गांव की छोटी-छोटी बच्चियों को नग्न कर उनके कंधे पर मूसल रखा जाता है और इस मूसल में मेंढक को बांधा जाता है।
 
बच्चियों को पूरे गांव में घुमाते हुए महिलाएं पीछे-पीछे भजन करती हुई जाती हैं और रास्ते में पड़ने वाले घरों से यह महिलाएं आटा, दाल या अन्य खाद्य सामग्री मांगते हैं और जो भी खाद्य सामग्री एकत्रित होती है उसे गांव के ही मंदिर में भंडारा के माध्यम से पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस प्रकार की कुप्रथा करने से बारिश हो जाती है।
 
मंदिर में पहुंचकर वहां विराजमान खैर माता को गोबर से ढंक दिया गया और मूसल को उल्टा लटका दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया बच्चियों से कराई गई। 
 
अधिकारी ने कहा कि इन लड़कियों के माता-पिता भी इस घटना में शामिल थे और अंधविश्वास के तहत उन्होंने ऐसा किया। इस संबंध में किसी भी ग्रामीण ने कोई शिकायत नहीं की है।
 
प्रशासन करे जागरूक : जिला कलेक्टर ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन केवल ग्रामीणों को इस प्रकार के अंधविश्वास की निरर्थकता के बारे में जागरूक कर सकता है और उन्हें समझा सकता है कि इस तरह की प्रथाओं से वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं। इस बीच, घटना के दो वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें बच्चियां निर्वस्त्र दिखाई दे रही हैं।
 
जांच पूरी : दूसरी ओर, तेंदूखेड़ा की एसडीएम अंजलि द्विवेदी ने कहा कि घटना की जांच महिला एवं बाल विकास विभाग ने पूरी कर ली है। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। निर्देश मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। 
 

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