भोपाल। राजधानी भोपाल में आवारा कुत्ते के काटने से चार साल की मासूम की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि चार साल के मासूम को कुत्ते के काटने के बाद उसे एंटी रेबीज का इंजेक्शन भी लगा था लेकिन उसके बाद भी मासूम में रेबीज का संक्रमण फैला जिसके चलते उसकी मौत हो गई है।
क्या है पूरा मामला?- राजधानी भोपाल के बागसेवनिया इलाके में 6 जनवरी को चार साल के मासूम सिमोन के पैर में अवारा कुत्ते ने काट लिया था। घटना के वक्त मृतक मां निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम कर रही थी और मासूम बिल्डिंग के नीचे खेल रहा था, तभी अवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया और मासूम सिमोन के पैर को बुरी तरह जख्मी कर दिया।
घटना के बाद मासूम को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसे रेबीज के संक्रमण से बचाव के लिए एंटी रेबीज का इजेक्शन भी लगा। शुरुआती इलाज के बाद मासूम को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के चार दिन बाद मासूम सिमोन की तबियत एक बार फिर बिगड़ी इसके बाद परिजन उसे फिर अस्पताल लेकर पहुंचे और वह उसका इलाज हुआ।
परिजनों का आरोप है कि हमीदिया अस्पताल में मासूम सिमोन के इलाज में लीपापोती की गई और उसके इलाज के नाम पर सिर्फ सिर्फ ग्लूकोज की बॉटल चढ़ाई गई। इसके बाद सोमवार रात फिर सिमोन की तबियतन बिगड़ी जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए एम्स अस्पताल लेकर पहुंचे जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज में ध्यान नहीं दिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
मासूम के शरीर में फैसला रेबीज का संक्रमण- मृतक मासूम सिमोन के परिजनों का दावा है कि आवारा कुत्ते के काटने से वह अजीब हरकते करने लगा था। सिमोन को पानी और पंखे समेत आसपास की चीजों से डर लगने लगा था। काफी चलचल स्वभाव का सिमोन गुमसुम रहने लगा था और उसके व्यवहार में काफी परिवर्तन आ गया था। ऐसे में आशंका है कि मासूम सिमोन के शरीर में रेबीज का संक्रमण फैल गया था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर?- राजधानी भोपाल में आवारा कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का इंजेक्शन लगने के बाद भी मासूम की मौत मामले लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे है। राजधानी भोपाल के जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टर राजेंद्र कुमार शर्मा के मुताबिक मेडिकल में किसी भी तरह के इंजेक्शन से संक्रमण से बचाव की 100 फीसदी गारंटी नहीं होती है। वैसे सामान्य तौर पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगने के बाद संक्रमण की संभावना बहुत कम हो जाती है। अगर किसी में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगने के बाद किसी भी तरह के लक्षण आते है तो उसके तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। वह कहते हैं कि डॉग बाइट की घटना के बाद पीड़ित को जल्द से जल्द एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाना चाहिए और घर पर भी काफी सावधानी बरतनी चाहिए। घाव का बांधना या ढांकना नहीं चाहिए। इसके साथ अगर घाव गहरा है तो कपड़ा धोने के साबुन से घाव को पानी के तेज धार से धोना चाहिए।