सोमवार को गुर्जर सम्मेलन में भाग लेने आई भीड़ के कुछ वाहनों में आग लगाने और पथराव करने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। मीडिया खबरों के मुताबिक भीड़ की मांग थी कि राजा मिहिर भोज की प्रतिमा टिनशेड से ढंकी हुई है, जिसे हटाया जाना चाहिए।
ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि आयोजकों को फूल बाग में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति दी गई थी और उन्हें मांगों का एक ज्ञापन सौंपना था, लेकिन कुछ हंगामे के कारण पथराव हुआ और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। समाज की मांग थी कि राजनीतिक दलों को आबादी के अनुसार समुदाय से उम्मीदवार खड़े करने चाहिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश मीणा ने कहा कि एक सार्वजनिक बैठक की अनुमति दी गई थी लेकिन कुछ लोगों ने फूल बाग चौराहे पर सड़क अवरूद्ध कर दिया।
मीणा ने कहा कि उन्हें इसे खत्म करने के लिए मनाया गया। बाद में, कुछ लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर हंगामा शुरू कर दिया और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो इन लोगों ने वाहनों पर पथराव करना शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
इससे पहले, गुर्जर समाज के पदाधिकारी और कार्यक्रम के आयोजकों में से एक, जसवंत सिंह ने दावा किया कि उनके समुदाय पर लंबे समय से अत्याचार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुर्जर राजा मिहिर भोज की प्रतिमा टिनशेड से ढकी हुई है, जिसे हटाया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों को आबादी के अनुसार समुदाय से उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए।
उन्होंने सेना में गुर्जर रेजिमेंट के गठन और मुरैना में समुदाय के युवाओं की कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच की भी मांग की।
700 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज : मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में एक दिन पहले गुर्जर सम्मेलन में भाग लेने वाली भीड़ के उग्र होने के बाद 700 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं और शहर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
अधिकारियों ने कहा था कि भीड़ ने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ऋषिकेश मीणा ने मंगलवार को कहा कि लगभग 700 लोगों के खिलाफ 3 थानों में 5 प्राथमिकी दर्ज की गईं।
उन्होंने कहा कि दंगा करने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में कम से कम 20 लोगों के नाम हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दंगाइयों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सोमवार को फूल बाग इलाके में एक समुदाय को सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की सशर्त अनुमति दी गई थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि उत्पात मचाकर उन्होंने अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया और ऐसा लगता है कि यह घटना आयोजकों की मौन स्वीकृति से हुई।
सोमवार को सभा में शामिल लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर हंगामा किया और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने खड़ी गाड़ियों पर पथराव कर दिया। पुलिस ने हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
हिंसा से पहले, गुर्जर समाज के पदाधिकारी और कार्यक्रम के आयोजकों में से एक, जसवंत सिंह ने दावा किया था कि उनके समुदाय पर लंबे समय से अत्याचार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुर्जर राजा मिहिरभोज की प्रतिमा पर से टिन शेड हटाया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों को आबादी के अनुसार समुदाय से उम्मीदवार खड़े करने चाहिए।
उन्होंने सेना में गुर्जर रेजिमेंट के गठन और मुरैना में समुदाय के एक युवक की कथित फर्जी मुठभेड़ में जांच की मांग की थी। एजेंसियां