क्या मध्यप्रदेश बन रहा है दूसरा गुजरात? जहां भाजपा को हराना नामुमकिन है

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (21:05 IST)
विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2023) में भाजपा द्वारा मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत से निर्विवाद तौर पर कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी के नाम, काम और बयान पर आज भी वोट डलता है। मध्यप्रदेश में भले ही शिवराजसिंह चौहान ने गुड गवर्नेंस और जनहित योजनाओं से खुद के खिलाफ नाराजगी या एंटीइंकम्बेंसी का सफलता से मुकाबला किया, लेकिन ये भी उतना बड़ा सच है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत पूरी तरह से नरेंद्र मोदी और उनके चेहरे पर हुई है।
 
आप और हम उनके काम और बयान से सहमत-असहमत हो सकते हैं लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि वो जब चुनावी सभाओं में भाषण देते हैं उसका असर जनता में होता है, जो वोट में भी तब्दील होता है। हालांकि कई बार लगता है कि उनके बयान भाषाई मर्यादा लांघते हैं, लेकिन आज का वोटर ऐसे बयानों को पसंद करता है। 
 
परंतु जब भी विपक्षी नेता मोदी के खिलाफ भाषाई मर्यादा लांघते हैं तो इसका असर मोदी के पक्ष में ही जाता है। चौकीदार चोर, जेबकतरा और पनौती जैसे शब्द इस बार भी भाजपा का विजय रथ रोक नहीं पाए। सोशल मीडिया पर हो सकता है कि यह ट्रेंड बनते हों लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट ही दिखाई देती है।
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राजनीतिक पंडित इस बात पर खास जोर दे रहे हैं कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की रणनीति दक्षिण भारत में तो असर डाल रही हैं लेकिन उत्तर भारत में यह कारगर सिद्ध नहीं हो पा रही। इसका एक बड़ा कारण है दक्षिण और उत्तर भारत की राजनीति ही नहीं वहां का आचार-विचार, राजनीतिक सूझ-बूझ, कल्चर और भाषा का अंतर, उत्तर की अपेक्षा यहां कि समस्याएं और समाधान के तरीके भी अलग है।
 
भले ही कांग्रेस दक्षिण का द्वार जीतने में कामयाब रही है, लेकिन भाजपा के लिए अब मध्यप्रदेश भी दूसरा गुजरात साबित हो रहा है जहां भाजपा को हराना नामुमकिन लग रहा है। भाजपा धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने मजबूत 'दुर्ग' बनाती जा रही है जो उसे लंबे समय तक दिल्ली के सिंहासन पर काबिज रखेंगे।

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