महाआर्यमन सिंधिया की राजनीति में नहीं होगी एंट्री, बोले पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया, परिवार से एक व्यक्ति ही राजनीति में रहा
सिंधिया परिवार से राजनीति में एक व्यक्ति ही रहा, सभी को मौका मिलना चाहिए: ज्योतिरादित्य सिंधिया
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के अंदर परिवारवाद की बीच नेता-पुत्रों की सियासी भविष्य पर उठ रहे सवालों के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान समाने आया है। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए बेटे महाआर्यमन सिंधिया के सियासी पारी शुरु करने के कयासों पर विराम लगा दिया।
परिवारवाद को लेकर मीडिया के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार से राजनीति में हमेशा एक ही व्यक्ति रहता है। हम लोगों ने अपने जीवनकाल में परिवार में यह नियम पिछले 30-40 वर्षों से अपनाया हुआ है। वहीं सिंधिया ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के परिवारवाद पर दिए बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि राजनीति में एक ही व्यक्ति होना चाहिए और राजनीति में यह जरूरी है और राजनीति में सभी को मौका मिलना चाहिए।
परिवारवाद पर BJP की गाइडलाइन- गौरतलब है कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने परिवारवाद पर गाइडलाइन साफ करते हुए कहा था कि भाजपा ने देश की राजनीति में परिवारवाद की संस्कृति के खिलाफ आवाज उठाई है और हमारी कोशिश है कि पिता के बाद बेटा न आ जाए, इसको रोका जाए। पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का बरकरार रखना है और इसलिए पार्टी में परिवारवाद की कोई जगह नहीं है। नेता पुत्रों के राजनीति में सक्रिय होने पर सवाल पर जेपी नड्डा ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करें अच्छी बात है लेकिन जहां तक प्रतिनिधित्व की बात है तो पार्टी कार्यकर्ता को ही आगे बढ़ाएगी।
सियासी पारी के लिए तैयार थे महाआर्यमन- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया पिछले कुछ समय से ग्वालियर में सार्वजनिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार सक्रिय नजर आ रहे है। ऐसे में माना जा रहा था कि महाआर्यमन सिंधिया भी जल्द ही सक्रिय राजनीति में कदम रख सकते है।
महाआर्यन की राजनीति के मैदान में जल्द उतरने के कयासों को उस वक्त और बल मिल गया था जब पिछले साल 17 नवबंर में ग्वालियर पैलेस में उनके जन्मदिन पर बड़ा जलसा किया गया था। महाआर्यमन सिंधिया ने ग्वालियर के जयविलास पैलेस में सिंधिया घराने के समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अपना जन्मदिन मनाया था।
जयविलास महल में महाआर्यमन सिंधिया के जन्मदिन के इस भव्य आयोजन को सियासी गलियारों में युवराज के सियासी एंट्री की तैयारी के रुप में देखा गया था जा रहा है। वहीं जब महाआर्यमन सिंधिया से राजनीति में आने पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि सालों बाद अब स्थाई रूप से ग्वालियर आ गया हूं। मैं अब जनता से मिल रहा हूं लोगों को समझूंगा उसके बाद राजनीति करूंगा।
राजनीति में गहरी दिलचस्पी-राजनीति में उतरने के लिए तैयार नजर आने वाले महाआर्यमन सिंधिया सियासत में काफी रुचि रखते है। पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया से राजनीति का ककहरा सिखने वाले महाआर्यमन सिंधिया उस वक्त चर्चा में जब उन्होंने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के फैसले का स्वागत किया था। सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहने वाले महाआर्यमन सिंधिया पिता के फैसले पर गर्व करते हुए ट्वीट किया था। ट्वीट के जरिए महाआर्यमन ने लिखा था, "इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा. जैसा कि हमने वादा किया था कि हम भारत और मध्य प्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे।"
इसके साथ 2019 को लोकसभा चुनाव में महाआर्यमन सिंधिया पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए थे। वहीं वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय के साथ भी चुनावी मंच पर दिख चुके है।