भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि राज्य में 1 साल बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी और सरकार बनते ही राज्य के किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा एवं सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी। मध्यप्रदेश में नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
छतरपुर के बड़ा मलहरा में गुरुवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हम किसानों के हित में काम करते हैं। जब मैं (18 दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 में) मुख्यमंत्री था तो मैंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा था कि हमें कागजों को नहीं, किसानों का पेट भरना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तब किसानों की कर्जमाफी शुरू की थी उसे शिवराज सिंह चौहान की वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया। 2018 में कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने के चुनावी वादे पर 15 साल के अंतराल के बाद राज्य में सत्ता में वापसी की थी। हालांकि कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादारों के विद्रोह के कारण 15 महीने बाद ही मार्च 2020 में गिर गई थी, जो बाद में अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
कमलनाथ ने कहा कि 1 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। राज्य के सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है। कमलनाथ ने कहा कि जो अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि 1 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो जनता हर बात का हिसाब लेगी।
उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिन्दू हूं, लेकिन बेवकूफ नहीं हूं। भाजपा धर्म और जाति के नाम पर लड़ाने की राजनीति करती है, हम समाज को जोड़ने की राजनीति करते हैं। भाजपा ने 18 साल के कार्यकाल में राज्य को किसान आत्महत्या में नंबर 1 बना दिया है, महिलाओं पर अत्याचार में नंबर 1 बना दिया है और बेरोजगारी में नंबर 1 बना दिया है। भाजपा अपने 18 साल के कामकाज का हिसाब जनता को दे।
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान से सबसे बड़ा सवाल मैं यह पूछना चाहता हूं कि राज्य के लाखों बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिलेगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौजवानों से वादा किया था कि वे हर साल 2करोड़ रोजगार देंगे, किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे लेकिन इस विषय में सरकार ने कुछ नहीं किया। इसलिए ये राष्ट्रवाद की राजनीति करते हैं, चीन और पाकिस्तान की बात करते हैं।
कमलनाथ ने कहा कि वे (भाजपा) कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने की कोशिश न करें, कांग्रेस सच्चे राष्ट्रवादियों की पार्टी है। भाजपा वाले बता दें कि इनके परिवार में कौन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी था? कांग्रेस में स्वतंत्रता सेनानियों की लंबी परंपरा है। मुख्यमंत्री चौहान सिर्फ झूठ, घोषणा, कलाकारी और ध्यान मोड़ने की राजनीति कर रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि भारत की संस्कृति लोगों को जोड़ने की है। हम दिल जोड़ते हैं, रिश्ते जोड़ते हैं, संबंध जोड़ते हैं। कांग्रेस की संस्कृति लोगों को जोड़ने की संस्कृति है। आज इस संस्कृति पर हमला हो रहा है। आज ऐसा कोई देश नहीं है, जहां इतनी भाषाएं हों, जहां इतने धर्म हों, जहां इतने त्योहार हों। हम दक्षिण की ओर जाते हैं तो हमारी धोती भी लुंगी बन जाती है। माताओं व बहनों का साड़ी पहनने का तरीका बदल जाता है। भारत की सांस्कृतिक विविधता की यही पहचान है।
कमलनाथ ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मैंने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया, 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी, युवाओं को रोजगार देने की पहल की। आज का नौजवान ठेका और कमीशन नहीं चाहता, वह रोजगार चाहता है। मुख्यमंत्री चौहान नौजवानों को बताएं कि वे उन्हें रोजगार क्यों नहीं दे रहे हैं?
हालांकि, कमलनाथ के वादों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि कमलनाथ पिछली बार सरकार चलाने में असमर्थ थे और उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि जब वे पार्टी के नेता थे तो उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें कैसे छोड़ दिया? जो बनी-बनाई सरकार नहीं चला पाए, वे आगे कहां से सरकार बनाएंगे? कमलनाथ के 15 महीने के शासन को जनता ने झेला है। वो भ्रष्टाचार का तांडव, वो भी लिखित में झूठ कर्जमाफी का, बेरोजगारी का। इसलिए इन बातों में अब कोई दम बचा नहीं है।
मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह बिखर चुकी है। राज्य की जनता को धोखा देने वाली कांग्रेस के असली चरित्र को लोग अच्छी तरह समझ चुके हैं।
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)