कहते है अपनी पहचान अपने काम के द्वारा ही बनाई जाती है इसी का एक उदाहरण है मध्यप्रदेश की ट्रांसजेंडर (किन्नर)सौरव किट्टू टांक। सौरव किट्टू टांक ने 6000 मीटर की वर्जिन पीक तक पहुंचने वाली भारत की पहली ट्रांसजेंडर बन गई है।
किट्टू इसके साथ ही भारत की पहली ट्रांसजेंडर(किन्नर) है जिन्होंने आईएमएफ (इंडियन मांउटेनिंग फेडरेशन) द्वारा परमिट माउंटेन एक्सपीडिशन में हिस्सा लिया है। यह वर्जिन पीक स्पिती वेली मै है,जहां का औसतन तापमान -15°c होता है। आपको बता दे की किट्टू इस एक्सपीडिशन में अपनी कोच और गुरु मध्यप्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट मेघा परमार के साथ गई थी इसके साथ ही बिग स्टेप एडवेंचर कंपनी के संस्थापक और माउंटेनियर शोबित शर्मा भी इस एक्सपीडिशन में शामिल थे,शोभित ने माउंटेनियरिंग में कदम रखते ही ऑस्ट्रेलिया माउंट कोजियास्को को फतह किया था।
2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन किट्टू ने इस माउंटेन पीक को फतह किया। आज दिल्ली में खेल मंत्री किरण रिजिजू ने किट्टू से मुलाकात कर उनको बधाई के साथ साथ उनका सम्मान भी किया।
आपको बता दें की यह वर्जिन पीक खतरों से भरी पड़ी है यह कभी भी बर्फ की बारिश होना आम बात है साथ ही यह ठंडी हवाओं के साथ साथ सूरज की तपिश किसी को भी झलनी कर सकती है ऐसे खतरनाक मौसम में भी इस पीक को फतह करना आपने आप में सहरानिए है। ऐसी परिस्थितियों से लड़ने के लिए ही किट्टू पिछले 6 महीनों से मेघा परमार और एस के प्रसाद के साथ ट्रेंनिग कर रही है, वह हर दिन सुबह 10 किलोमीटर दौड़ती है, इसके बाद वो योग के माध्यम से अपने शरीर को माउंटेन कि परेशानियों को झेलने लायक बनती है। उनकी ट्रेंनिग और डायट का ख्याल उनकी गुरु मेघा परमार द्वारा रखा जाता है।
सौरव किट्टू टांक ने यह पीक फतह करते ही एक संदेश दिया या यूं कहे की एक मांग की है... उनका कहना है कि किसी भी स्कूल कॉलेज या प्रसाशनिक संस्था में लड़का लड़की और ट्रांसजेंडर का अलग अलग टॉयलेट होना चाहिए। वो आगे कहती है कि यह लड़ाई बस टॉयलेट की नहीं है बल्कि यह ट्रांसजेंडर के सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने पीक पर पहुंचते ही नारा दिया "नर नारी किन्नर एक समान"।