राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों को सता रहा भीतरघात का डर, इन विधायकों पर सबकी नजर?

विकास सिंह
सोमवार, 9 मार्च 2020 (10:00 IST)
मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। तीन सीटों पर होने जा रहे चुनाव को लेकर भाजपा ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का संकेत देकर चुनाव को रोचक बना दिया है। राज्यसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा इसका फैसला पार्टी हाईकमान करेगा। प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों का पैनल दिल्ली भेज दिया  है। 
 
वहीं दूसरी सत्तारूढ़ दल पार्टी कांग्रेस दो सीटों पर अपनी दावेदारी जता रही है। विधानसभा के संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस इसे अपना हक भी बता रही है। पिछले एक हफ्ते में सूबे में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बाद आज मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात करने जा रहे है। सत्तारूढ दल कांग्रेस दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंकने जा रही है। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया तगड़े दावेदार है लेकिन बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच अब कांग्रेस की ओर से कोई नया नाम भी सामने आ सकता है। 
 
वोटों का सियासी गणित – 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में दो विधायकों के निधन के चलते वर्तमान सदस्य संख्या 228 है जिसमें कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 114 है और कमलनाथ सरकार को 4 निर्दलीय और बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। अगर भाजपा दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है तो राज्यसभा के लए 26 मार्च को चुनाव होगा।
 
राज्यसभा चुनाव के सियासी गणित को देखे तो एक उम्मीदवार को जीत के लिए 58 विधायकों के मतों की जरुरत हैं और इस लिए लिहाज से कांग्रेस के खाते में एक सीट आराम से आती है वहीं दूसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को अपने 56 विधायकों के साथ सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय और सपा बसपा के दो और वोट चाहिए होंगे।
 
वहीं अगर भाजपा को अपना दूसरा उम्मीदवार जिताना है तो उसको या तो सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलयी, बसपा और सपा विधायकों के साथ कांग्रेस में भी सेंध लगानी होगी। ऐसे में जब राज्यसभा चुनाव के लिए गुप्त मतदान होगा तो दोनों ही पर्टियों को भीतरघात का खतरा सता रहे है इसलिए दोनों ही दल अपने विधायकों को एक जुट रखने में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। 
 
इन विधायकों पर विशेष नजर – राज्यसभा चुनाव के अगर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दो उम्मीदवारों उतारती है हो चुनाव की नौबत आएगी ऐसे में दोनों ही दल एक दूसरे में सेंध लगाने की कोशिश करेगी। ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस ने जिन भाजपा विधायकों पर नजर लगाई है उनमें नारायण त्रिपाठी,शरद कोल, पीएल तंतुवाय,दिनेश राय मुनमुन,सुदेश राय  और सीताराम आदिवासी है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पार्टी से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायकों हरदीप सिंह डंग, ऐंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह समेत कई विधायकों पर नजर लगा दी है। 
 

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