जुलाई में मध्यप्रदेश भाजपा को मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष, जातीय समीकरणों को साधने में उलझा पेंच!

विकास सिंह
बुधवार, 25 जून 2025 (13:29 IST)
भोपाल। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जल्द ही मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष का एलान कर सकता है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि जुलाई के पहले पखवाड़े में प्रदेश को नया अध्यक्ष मिल सकता है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी किस नेता के हाथों में प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपेगी। पार्टी क्या किसी सामान्य वर्ग से आने वाले नेता को जिम्मेदारी सौंपेगी या आदिवासी या दलित समुदाय के नेता को आगे बढ़ाकर जातीय समीकरण साधने  की कोशिश करेगी। वहीं सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों से चल रही है कि क्या केंद्रीय नेतृत्व किसी महिला चेहरे को प्रदेश में संगठन की कमान सौंप कर नया प्रयोग कर सकती  है।

जातीय समीकरण में नए अध्यक्ष का नाम?- भाजपा की शीर्ष नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष के जरिए प्रदेश में जातीय समीकरण को साध सकता है। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और ब्राह्म्ण वर्ग से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और एससी वर्ग से डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा होने के चलते इस बात की संभावना अधिक है कि सामान्य वर्ग या आदिवासी वर्ग से आने वाले किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी।

अगर भाजपा अध्यक्ष के दौड़ में बात करें तो खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल का नाम अध्यक्ष पद की दौड़ मे सबसे आगे है। पिछले दिनों पचमढ़ी में हुए भाजपा के सांसद और विधायको प्रशिक्षण वर्ग में गजेंद्र पटेल खासे सक्रिय नजर आए  है। पार्टी आदिवासी चेहरे के तौर पर गजेंद्र पटेल को आगे कर उन्हें प्रदेश में संगठन की कमान सौंप सकती है। गजेंद्र पटेल की आदिवासी क्षेत्रों में काफी सक्रियता और केंद्रीय नेतृत्व की गुडबुक में शामिल होने के चलते उन्हें मौका मिल सकता है।

मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के होने के चलते इस बात की चर्चा भी तेज है कि पार्टी सामान्य वर्ग की ही किसी चेहरे पर दांव लगा सकती है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सामान्य वर्ग से आते  है तो ऐसे में पार्टी फिर से किसी सामान्य वर्ग के नेता को जिम्मेदारी  सौंप सकती है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए सामान्य वर्ग से दावेदारों को देखे तो पूर्व सांसद और भाजपा विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम ससबे अधिक चर्चा में है। कुशल संगठनकर्ता और संघ के करीबी होने के साथ विवादों से दूर हेमंत खंडेलवाल के नाम अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे है। इसके साथ पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ मे आगे है।

पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भले ही विधानसभा चुनाव दतिया से हार गए हो लेकिन वह भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय है। उनकी गिनती अमित शाह के करीबियों में होती है और पिछले दिनों भाजपा की न्यू ज्वाइनिंग टोली के प्रमुख के तौर पर उन्होंने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भाजपा में शामिल कराके अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय दिया।

महिला चेहरे को मौका दे सकती है भाजपा?- मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसी महिला चेहरे पर दांव लगाकर एक बार फिर चौंका सकती है। अगर महिला चेहरे की बात करें तो प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार, अर्चना चिटनिस का नाम भी चर्चा मे है। हलांकि कविता पाटीदार के ओबीसी वर्ग से आने के चलते उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। वहीं दूसरी ओर अर्चना चिटनिस को उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का लाभ मिल सकता है।

विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी दिग्गज चेहरों को दरकिनार कर चौंकाने वाला फैसला करते हुए डॉ. मोहन यादव के नाम पर मोहर लगाई थी वैसा ही प्रयोग अगर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई चौंकाने वाला फैसला कर सकता है।
 

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