Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

CM शिवराज के विश्वस्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को फिर मिला 6 महीने का एक्सटेंशन

हमें फॉलो करें CM शिवराज के विश्वस्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को फिर मिला 6 महीने का एक्सटेंशन
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 18 मई 2023 (16:45 IST)
Iqbal Singh Bains extension: मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक बार फिर 6 महीने का एक्सटेंशन मिल गया। पिछले साल नवंबर में रिटायर होने वाले मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को 6 महीने का एक्सटेंशन मिला था जो 30 मई 2023 को खत्म हो रहा। गुरुवार को केंद्र  सरकार की तरफ से इकबाल सिंह बैंस को बतौर मुख्य सचिव 6 महीने का एक्सटेंशन देने के सरकार के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।
 ALSO READ: कर्नाटक में भाजपा की हार के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज का चेहरा बना जरूरी 'मजबूरी'?
चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद विश्वस्त माने जाने वाले इकबाल सिंह बैंस को 6 महीने (30 नवंबर) तक का एक्सटेंशन मिलने के एक नहीं कई सियासी मायने है। एक्सटेंशन के आदेश के बाद अब प्रशासनिक मुखिया के तौर पर इकबाल सिंह बैंस मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव कराएंगे। ऐसे में इकबाल सिंह बैंसं को 6 महीने का मिला एक्सटेंशन एक तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय नेतृत्व की तऱफ से राज्य में फ्री हैंड देने जैसा है।

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कई लोकप्रिय योजनाओं का श्रेय इकबाल सिंह बैंस को जाता है। मध्यप्रदेश मे लोक सेवा गारंटी कानून और आनंद विभाग की स्थापना का श्रेय भी इकबाल सिंह बैंस को जाता है। इसके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कई ड्रीम प्रोजेक्ट के पीछे भी इकबाल सिंह बैंस की प्रमुख भूमिका रही है। सीहोर और भोपाल कलेक्टर रहते हुए इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज के सबसे भरोसेमंद औऱ विश्वासपात्र अफसरों की श्रेणी में सबसे उपर है। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर के साथ कृषि, उद्यानिकी,ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में इकबाल सिंह बैंस अपनी प्राशसनिक क्षमता को लोहा मनवा चुके है।

1985 के IAS अफसर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की छवि एक सख्त प्रशासक की है। अकसर कैबिनेट की बैठक में इकबाल सिंह बैंस की सख्त प्रशासक की छवि देखी जाती रही है और उनके वीटो के कारण कई विभागों के प्रस्ताव को रोक दिया जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुलामी के समय धरोहरें नष्ट की गईं, संरक्षण के प्रयास भी कम हुए : प्रधानमंत्री मोदी