भोपाल। शिवराज सरकार ने उन प्रवासी मजदूरों को संबल योजना में शामिल करने का बड़ा फैसला किया है जो लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के बाहर से वापस प्रदेश लौटे है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनको चिंता करने की जरूरत नहीं है, प्रदेश में उनको तत्काल मनरेगा में रोजगार दिया जाएगा, जिनके पास जॉब कार्ड नहीं है उनके लिए पंचायत में जॉब कॉर्ड बनाने का काम शुरु कर दिया गया ।
इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों को संबल योजना की पात्रता भी होगी। संबल योजना गरीब का सुरक्षा कवच है जो उनकी हर आवश्यकता की पूर्ति करता है। इसके साथ ही सभी प्रवासी मजदूर चाहे उनके पास राशन कार्ड है या नहीं तब भी उनको मुफ्त में राशन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के समय सरकार ने किसान, गरीबों और प्रवासी मजदूरों के खाते में 16 हजार करोड़ से अधिक पैसा खातों में डाला गया। उन्होंने कहा कि हजारों बसों और 90 से अधिक ट्रेन से प्रदेश में मजदूरों को वापस लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूसरे प्रदेश के प्रवासी मजदूरों का अतिथि की तरह स्वागत किया गया है। प्रदेश में इन्हें पैदल नहीं चलने देंगे तथा भूखा नहीं सोने देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को बसों से उनके राज्य की सीमा तक पहुंचा रही है। उन्हें भोजन, चाय, नाश्ता आदि सारी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शासन-प्रशासन के साथ ही हमारी जनता भी इनसे अतिथि जैसा व्यवहार कर रही है। समाजसेवी संस्थाएं उन्हें जूते-चप्पल पहना रहे है।
मजदूरों को दुर्घटना पर सहायता - मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के आने-जाने की प्रक्रिया में कुछ दुर्घटनाएं भी हुई है। औरंगाबाद में हुई दुर्घटना में प्रत्येक दिवंगत मजदूर के परिवार को 05-05 लाख रूपये की सहायता उपलब्ध कराई गई है। बड़वानी दुर्घटना में मृतक मजदूर के परिवार को 14 लाख रूपये की सहायता दी गई है। इसके साथ ही प्रदेश के बाहर के मजदूर जो मध्यप्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त होते हैं उनके लिए प्रति मजदूर मृत्यु पर एक-एक लाख रूपए तथा घायल होने पर 25-25 हजार रूपए की सहायता दी जाएगी।