भोपाल। मध्यप्रदेश में कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात हो गए है। राजधानी भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, छतरपुर, नरसिंहपुर, खरगोन, मंदसौर, हरदा और राजगढ़ का बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है। लगातार बारिश होने के कारण बरगी, बारना, तवा डैम के गेट खोलने के कारण नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ा है। जल स्तर बढ़ने और लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी के केचमेंट एरिया के जिलों को अलर्ट किया गया है।
भोपाल में भारी बारिश से बाढ़ के हालात-राजधानी भोपाल में बीते 36 घंटे से जारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के पांच जिलों में आज बारिश के चलते स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। भोपाल में इस सीजन में अब तक 48 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। लगातार बारिश के चलते राजधानी भोपाल में कई कॉलोनी पानी में डूब गई है। इसके साथ भोपाल के डांगरोली, जमुनिया सहित कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए है। बारिश के चलते भोपाल में सभी डैम कोलार, कलियासोत, भदभदा डैम के सभी गेट खोल दिए गए है।
होशंगाबाद में नर्मदा खतरे के निशान से उपर-भोपाल से सेट होशंगाबाद जिले (नर्मदापुरम) में नर्मदा खतरे के निशान से उपर बह रही है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट में नर्मदा के खतरे के निशान से उपर होने के चलते घाट और मंदिर डूब गए है। नर्मदापुरम जिले में भारी बारिश और डैम से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण नर्मदा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए निचले इलाकों में हाईअलर्ट किया गया है।
मंदसौर में डूबा पशुपतिनाथ मंदिर-मंदसौर में भारी बारिश की वजह से निचली बस्तियों में पानी भर गया है। शिवना नदी का पानी पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंच गया है। वहीं छतरपुर का जटाशंकर धाम पानी में डूब गया।
खरगोन जिले में भी भारी बारिश की वजह से सड़के लबालब नजर आ रही है। घरों और दुकानों में पानी घुसने की वजह से आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। राजगढ़ जिले में भी भारी बारिश की वजह से आस पास के नदी-नाले उफान पर होने से कई गांवों के मार्ग बंद हो गए हैं।
विदिशा में 200 से लोगों का रेस्क्यू-भोपाल से सटे विदिशा जिले में बाढ़ के चलते अब तक 200 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं बाढ़ में फंसे लोगों का अब भी रेस्क्यू जारी है। आज सुबह से विदिशा के ग्राम बर्री, तहसील गुलाबगंज से जिला प्रशासन और होमगार्ड के जवानों ने बेतवा नदी से 6 लोगों को रेस्क्यू किया है।
विदिशा शहर के नौलक्खी से बेतवा नदी में जलस्तर बढ़ने से 107 लोगों का, लटेरी तहसील के ग्राम बैरागढ़ में टैम नदी से 12 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं जिले के रंगाई से 27 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। विदिशा के ग्राम पमारिया, में संजय सागर डैम के कैचमेंट एरिया में पानी आ जाने से 32 लोगों को रेस्क्यू किया है वहीं बासौदा में पाराशरी नदी से 17 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
रेस्क्यू में जुटा प्रशासन-प्रदेश में बारिश और बाढ़ से प्रभाविक इलाकों में फंसे लोगों को रेस्क्यू के लिए SDERF और NDERF तैनात की गई है। एसडीईआरएफ की टीम ने देवास में 150 लोगों का, सीहोर में 8 बच्चों का, सोनकच्छ में पेड़ पर फंसे 2 लोगों का, रतलाम के सैलाना में तालाब फूटने से लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू किया है। आपदा प्रबंधन (एसडीईआरएफ) की टीमें सभी जगह सक्रियता से कार्य कर रही हैं सभी जगह अलर्ट जारी कर दिए गए हैं।
बाढ़ के चलते कई रास्ते बंद-प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण कई स्थानों पर नदी और नाले उफान पर है। भारी बारिश के चलवते मंडला से सिवनी, ओरछा से पृथ्वीपुर, चंदेरी से ललितपुर और बरेली से पिपरिया के मार्ग बंद कर दिए गए हैं।
सीएम शिवराज ने की समीक्षा-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की है। मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित होशंगाबाद जिले के दौरे पर जा रहे है। वहीं बारिश और बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, एसीएस राजेश राजौरा सहित संबंधित जिलों के कलेक्टर्स से फोन पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर नर्मदापुरम, कलेक्टर नर्मदापुरम रायसेन, विदिशा, भोपाल से फोन पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि लगातार हो रही बारिश के कारण प्रशासन जो निर्देश दे रहा है,अलर्ट जारी कर रहा है, जनता उन निर्देशों का पालन कर अपना सहयोग करें ।