मध्यप्रदेश में वन विभाग के अमले ने सरेंडर किए हथियार, लटेरी घटना में पुलिस की कार्रवाई का विरोध
वन मंत्री विजय शाह बोले, गलत काम करने वालों को हौंसले बढ़े, वन अमले की सुरक्षा सरकार की चिंता
भोपाल। विदिशा जिले की लटेरी के जंगल में वन विभाग के अमले की गोली से एक आदिवासी की मौत मामले में डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार सहित अन्य वन कर्मियों पर हत्या का केस दर्ज होने के बाद अब वन विभाग के कर्मचारी आंदोलित हो गए है।
वन रेंजर एसोसिएशन और अन्य वन कर्मचारी संगठन ने पूरे मामले में एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया है। हत्या के केस और गिरफ्तारी के विरोध में के विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर के साथ फॉरेस्ट गार्ड ने अपने सरकारी हथियार सरेंडर करना शुरू कर दिए है। मंगलवार को इंदौर में वन मंत्री विजय शाह के सामने वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर ने अपने हथियार सरेंडर कर दिए। वहीं विदिशा के साथ प्रदेश के अन्य वन्य मंडल में भी बड़ी संख्या वनकर्मियों ने अपने हथियार सरेंडर कर दिए।
मध्यप्रदेश रेंजर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि 9 अगस्त को विदिशा के लटेरी खटियापराए जंगल में वन माफियाओं गिरोह के साथ सागौन की लकड़ी की तस्करी और अवैध कटाई को रोकने के लिए लटेरी के वन अमले और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी जिसके विरुद्ध पहले से प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन हैं की मृत्यु होने के कारण शासकीय कर्तव्य के दौरान वन सुरक्षा हेतु तैनात वन अमले पर राजनैतिक एवं शासन के दबाव के चलते विदिशा पुलिस प्रशासन ने नियम विरुद्ध तरीके से बिना न्यायिक जांच के वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तारी कर जेल भेज दिया है।
रेंजर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार कहना है कि पूरे मामले को राजनीतिक रंग देकर तूल बनाया गया । उन्होंने कहा कि लटेरी में हुई घटना में एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने वन सुरक्षा के लिए हमें बंदूकें दी हैं लेकिन उसको चलाने की शक्ति और संरक्षण नहीं है तो हम शोपीस बंदूक क्यों रखे। अगर हम उन बंदूकों को आत्मरक्षा में भी नहीं चला सकते है तो बंदूकें हमारे किस काम की है,इससे अच्छा सरकार इसे वापस ले लें।
रेंजर एसोसिएशन ने वन अमले को सशस्त्र बल घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हथियारों के चलाने की एक निर्धारित प्रक्रिया तय की जाए और अगर शस्त्र के चलाने के दौरान कोई दुर्घटना होती है तो कोई प्रकरण नहीं दर्ज किया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि ऐसी एकपक्षीय कार्रवाई से वनकर्मियों के काम पर असर पड़ेगा और जंगल माफिया हावी हो जाएगा।
क्या है बोले वन मंत्री विजय शाह?–वहीं वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि वन कर्मचारियों और अधिकारियों का सरंक्षण सरकार और वन विभाग के मुखिया के नेता मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लटेरी के पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराके ही उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन कर्मचारियों और अधिकारियों को निराश होने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि गलत काम करने वाले हौंसले बढ़ गए है कि लटेरी के जंगल का एक वीडियो भी उनके संज्ञान में आया है ऐसे में वन कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए वह हर कदम उठाएंगे।
क्या है पूरा मामला?-विदिशा के लटेरी के जंगल में लकड़ी काट कर ले जा रहे लोगों पर वनकर्मियों की फायरिंग से आदिवासी चैन सिंह भील की मौत हो गई थी। वहीं फायरिंग की घटना में 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वनकर्मियों की फायरिंग में युवक की मौत के बाद सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे और वन विभाग के कर्मियों के खिलाफ हत्या (302) का प्रकरण दर्ज किया गया था।।
गुना में शिकारियों ने तीन पुलिसकर्मियों की थी हत्या-दरअसल इसी साल में 14 मई को मध्यप्रदेश के गुना जिले में आरोन थाना इलाके में काले हिरण के शिकारियों ने एक एसआई सहित 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बैखोफ शिकारियों ने पुलिस कर्मियों को उस वक्त मौत के घाट उतारा जब पुलिस की टीम ने शिकारियों को रोकने की कोशिश की थी।