भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से रतलाम, भोपाल, रायसेन, विदिशा, बालाघाट आदि जिलों में भारी वर्षा के कारण मंगलवार को कई नदियां उफान पर रहीं। अभी 52 में से 27 बांधों के गेट खुले हैं। खंडवा जिले में नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर व नर्मदापुरम के सभी घाट जलमग्न हो गए। सीहोर के बुदनी, रहटी और नसरुल्लागंज में तो नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बही। यही स्थिति देवास के नेमावर में भी रही।
मंदसौर के कालाभाटा बांध के 5 गेट खोले जाने से शिवना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। भगवान पशुपतिनाथ की 7.3 फुट ऊंची अष्टमुखी मूर्ति पूरी तरह जलमग्न हो गई। खंडवा जिले के मोरटक्का (ओंकारेश्वर) में नर्मदा खतरे के निशान पर है। उज्जैन में भी शिप्रा उफान पर है।
शिवराज बोले, स्थिति नियंत्रण में : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बाढ़ की स्थिति को देखने के लिए सेठानी घाट, नर्मदापुरम पहुंचे। शिवराज ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। मोरटक्का में नर्मदा नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंचने पर प्रशासन ने इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग से वाहनों की आवाजाही पर मंगलवार रात 8.30 बजे रोक लगा दी। देवास के नेमावर में नर्मदा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। यहां नर्मदा नदी का जलस्तर 888.6 फीट पर जा पहुंचा है। यह खतरे निशान से करीब साढ़े 3 फुट ऊपर बह रही है।
27 बांधों से निकाला जा रहा पानी : अभी 52 में से 27 बांधों के गेट खुले हैं। नर्मदा और बेतवा बेसिन में काफी पानी आया है। बरगी के 13 गेट खुले हैं। ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध के गेट खुले हुए हैं। कलियासोत, केरवा, हथाईखेड़ा से बेतवा में पानी जा रही है। शिवपुरी में मोहनी डैम के गेट खोले जा रहे हैं।
इंदौर जिले में पिकनिक स्थलों पर जाने पर लगाई रोक : इंदौर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने महू क्षेत्र के सभी निस्तार के घाटों, मछुआरों का नदियों में आवागमन तथा अतिवृष्टि वाले क्षेत्रों में पिकनिक स्पॉट पूर्णत: बंद करने के आदेश दिए गए हैं। ये आदेश महू क्षेत्र के थाना महू, किशनगंज, बड़गोंदा, मानपुर, सिमरोल की सीमा में लागू रहेंगे। चोरल, चोरल नदी, चोरल डैम, पातालपानी, सीतलामाता फाल, मेहंदीकुंड, तिन्छा फाल, कजलीगढ़, वाचू पॉइंट, जानापाव कुटी, कालाकुंड आदि स्थानों पर जनसामान्य की आवाजाही 15 दिनों के लिए पूर्णत: बंद की गई है।