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मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गैंबलिंग गेम्स पर लगेगा बैन, नए कानून का ड्राफ्ट बनकर तैयार

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विकास सिंह

, सोमवार, 21 नवंबर 2022 (12:33 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही ऑनलाइन गैंबलिंग (ऑनलाइन जुए) पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून अस्तित्व में आ जाएगा। ऑनलाइन गैंबलिंग पर प्रतिबंध लगाने के साथ ऑनलाइन गेम्स के नियमन को लेकर एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने जाने के लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों तमिलनाडु सरकार ने ऑनलाइन गैंबलिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया है।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग व गेम्स के लिए बनाए जाने वाले कानून के प्रारूप को गृह विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है। अब यह कानून के दायरे मे आ जाएगा। नए कानून के लिए सरकार जुआ एक्ट में संशोधन करने के साथ एक रेगुलेटरी बॉडी बनाने पर विचार कर रही है। गृहविभाग के तैयार किए गए प्रस्ताव पर वरिष्ठ कमेटी में विचार करने के बाद इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। गौरतलब है कि ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने में कानून बनाने के निर्देश दिए थे। 

गौरतलब है मध्यप्रदेश में लंबे समय से ऑनलाइन गेम एक्ट लाने को लेकर सरकार तैयारी कर रही है। नए कानून में खतरनाक ऑनलाइन गेम पर भी बैन लगाया जा सकता है। सरकार के प्रवक्ता और सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके है कि फ्री फायर जैसे बच्चों के लिए खतरनाक ऑनलाइन गेम पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार जल्द कानून बनाने जा रही है।

क्या है हाईकोर्ट का आदेश?-जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि  ऑनलाइन गैंबलिंग के चलते देश के युवा आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं, ऐसे में सरकार और इंतजार ना करते हुए तत्काल इस पर रोक लगाने की पहल करे। सिंगरौली जिले के सनत कुमार नामक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने ये निर्देश दिया। दरअसल सनत कुमार ऑनलाइन सट्टे में साढ़े 8 लाख रुपए हार गया, जिसके बाद सनत के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। 

ऑनलाइन गेम पर कानून क्यों जरूरी?-मध्यप्रदेश में खतरनाक ऑनलाइन गेम के जाल में फंसकर कई बच्चे आत्महत्या कर चुके है। पिछले दिनों राजधानी भोपाल में पांचवी क्लास में पढ़ने वाले 11 साल के बच्चे ने फ्री फायर गेम की लत के चलते फांसी लगा ली। इसके साथ ही खतरनाक ऑनलाइन गेम्स बच्चों में कंडक्ट डिसऑर्डर की समस्या को बढ़ा रहे है।

पीएम मोदी भी जता चुके है चिंता-गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन और डिजिटल गेम्स के खतरों को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि अधिकांश गेस्स के कांसेप्ट या तो वॉयलेंस कोप्रमोट करते हैं या मेंटल स्ट्रेस का कारण बनते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में हैं उनमें से अधिकतर का कांसेप्ट भारतीय नहीं है।

NCPCR ने भी जताई चिंता-ऑनलाइन गेम्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता जताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि खतरनाक ऑनलाइन गेम्स को लेकर आयोग लगातार अपनी चिंता जताते आया है और आयोग की ही संस्तुति पर पबजी जैसे खतरनाक गेम को प्रतिबंध किया गया था। 

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