जम्मू। कश्मीर में उन 2 पाकिस्तानी बहुओं को जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार नहीं मिलेगा, जो आतंकी बनने गए युवकों के साथ ब्याह करके इस ओर आई थीं। उन्होंने वर्ष 2020 के दिसंबर महीने में डीडीसी चुनावों में किस्मत तो आजमाई, पर नागरिकता के विवाद के चलते उनकी किस्मत की पेटी को स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया था।
अब उस चुनाव को रद्द करके 5 दिसंबर को नए तौर पर मतदान करवाने की घोषणा की गई है। दरअसल सोमैया सदाफ, जो एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और 1 दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ यहां रह रही थी, ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में द्रगमुल्ला से डीडीसी चुनावों में किस्मत आजमाई थी। इसी तरह से हाजिन-ए में भी मतगणना की प्रक्रिया को रोक दिया गया, क्योंकि उम्मीदवार शाजिया पीओके से थी जिसने एक कश्मीरी से शादी की थी, जो वहां आतंकी बनने के लिए हथियारों के प्रशिक्षण के लिए गया था।
दोनों की इस किस्मत आजमाई के खेल में रोचक बात यह थी कि जब उन्होंने चुनाव के लिए पर्चा भरा था, तब इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई थी जिसके प्रति अब प्रशासन कहता है कि उन्होंने ये बातें अपने दस्तावेजों में छुपाई थीं।
प्रदेश में जब डीडीसी चुनावों की घोषणा हुई थी तो इसे बदलाव की बयार कहा जा रहा था, क्योंकि एक बार फिर 2 पाकिस्तानी बहुएं कश्मीर के चुनाव मैदान में थीं। पहले भी वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनावों में कश्मीर में 2 पाकिस्तानी बहुएं पंच और सरपंच चुनी गई थीं। हालांकि तब पुंछ में एक पाकिस्तानी बहू को पंचायत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था और अब सभी संबधित औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद प्रदेश चुनाव आयोग ने इन डीडीसी के रिक्त पड़ी इन दोनों सीटों के लिए दोबारा से चुनाव कराने का फैसला किया है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हाजिन-ए में 7,312 महिला और 8,039 पुरुष मतदाताओं समेत 15,351 मतदाताओं के लिए 12 स्थानों पर 57 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। द्रगमुला कुपवाड़ा डीडीसी निर्वाचन क्षेत्र में 16,688 पुरुष और 16,157 महिलाओं समेत 32,845 मतदाताओं के लिए 24 स्थानों पर 42 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
जबकि संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के विस्थापित कश्मीरी पंडित मतदाताओं के लिए डाक मत की व्यवस्था है और वे इसके लिए 21 नवंबर 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा विस्थापित कश्मीरी हिन्दू मतदाताओं के लिए जम्मू में 2 और उधमपुर में 1 मतदान केंद्र बनाया गया है।
Edited by: Ravindra Gupta