रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय रवाना होने से पहले गुरुवार को कहा कि खनन पट्टे संबंधी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। ईडी कार्यालय के आस-पास बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोरेन को राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है।
मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वह विपक्ष की साजिश का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी को मामले की विस्तृत जांच के बाद ही आरोप लगाना चाहिए। ईडी ने कहा है कि उसने राज्य में अब तक 1,000 करोड़ रुपए के अवैध खनन से संबंधित अपराध का पता लगाया है।
सोरेन ने कहा कि अगर हम खानों और खनिजों से सालाना राजस्व की गणना करें, तो यह 1000 करोड़ रुपए तक नहीं पहुंचेगा। मैं ईडी कार्यालय जा रहा हूं और यह देखना चाहता हूं कि वे उस आंकड़े पर कैसे पहुंचे।
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री है और एक संवैधानिक पद पर है लेकिन ऐसा लगता है कि मैं देश छोड़कर भागनेवाला हूं, केवल व्यवसायी ही देश छोड़कर भागे हैं कोई राजनेता नहीं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र है। विपक्ष उनकी सरकार बनने के बाद से ही सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल का चिट्ठी नहीं खुल रहा है और वह भी राजनीति कर रहे हैं तथा सरकार गिराने वालों को संरक्षण दे रहे हैं।
इस बीच, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ईडी कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सोरेन के ईडी के सामने पेश होने से ठीक पहले गुरुवार पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे रांची के हिनू इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय के आसपास लगभग दो किलोमीटर के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।
रांची के अनुमंडलीय मजिस्ट्रेट दीपक दुबे ने एक अधिसूचना जारी की कि अनेक संगठनों के धरना प्रदर्शन की सूचना के आलोक में ईडी के कार्यालय के निकट पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
Edited by : Nrapendra Gupta (एजेंसियां)