त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव।
त्वमेव सर्वम् मम देव देव॥
यह श्लोक आपने ज़रूर अपनी संस्कृत की किताब में पढ़ा होगा। आज के समय में बच्चों में संस्कृत विषय पढ़ने का इंटरेस्ट धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने संस्कृत विषय के महत्व को बढ़ने के लिए एक एहम कदम लिया है। दरअसल मध्य प्रदेश बोर्ड अब छात्रों को संस्कृत पढने के लिए धन राशी प्रदान करेगा। परशुराम जयंती के अवसर पर मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्कृत छात्रों को धन राशि प्रदान करने की घोषणा की है। 1 से 5वीं क्लास के बच्चों को संस्कृत पढने पर 8000 रूपए प्रदान किए जाएंगे और क्लास 6 से 12वीं के छात्रों को 10,000 रूपए की धन राशी प्रदान की जाएगी। यह धन राशी उन बच्चों को प्रदान की जाएगी जो भविष्य में धार्मिक कार्यों में कुशल बनेंगें। साथ ही संस्कृत भाषा के ज़रिए भारत की धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देंगे।
इसके साथ ही स्कूल की किताबों में परशुराम की जीवनी को भी शामिल किया जाएगा। नई शिक्षा निति 2020 के अनुसार छात्रों को भारतीय सभियता और संस्कृति के बारे में पढ़ाया जाएगा। साथ ही सीबीएसई बोर्ड 2023-24 बैच को नई शिक्षा निति के अनुसार 10वीं क्लास के बच्चों को संस्कृत भाषा का विकल्प प्रदान करेगी। यह भाषा दो लेवल पर प्रदान की जाएगी, कम्युनिकेटिव और कोर। इस संबंध में सीबीएसई के डायरेक्टर ने कहा कि "सभी विषयों की उपलब्धता, छात्रों की जरूरतों और रुचि के अनुसार वर्ष 2023-24 में कक्षा दसवीं में दो स्तरों पर अंग्रेजी और संस्कृत की पेशकश करने की योजना बना रहा है।"
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के जानापाव पहाड़ी को टूरिज्म अट्रैक्शन बनाने की घोषणा की है। आपको बता दें कि भगवान परशुराम का जन्म इंदौर के जानापाव पहाड़ी में हुआ था। साथ ही मुख्य मंत्री ने पशुराम जयंती पर पब्लिक हॉलिडे भी घोषित किया है।