भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन किसानों की कर्जमाफी पर जमकर हंगामा हुआ। सदन में शून्यकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाया।
शिवराज ने इस मुद्दे पर सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए अविलंब चर्चा की मांग की जिसको आसंदी ने नकार दिया। इसके बाद विपक्ष ने आसंदी पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन के बाहर विपक्ष विधायकों ने जमकर नारेबाजी की।
मीडिया से बातचीत में शिवराजसिंह ने कहा कि सरकार बने 7 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक कर्ज़ माफ नहीं हुआ। सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, शिवराज ने सरकार की कर्जमाफी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कर्जमाफी के लिए जिस राशि का प्रवाधान किया गया है वह ऊंट के मुंह मे जीरा के समान है।
उन्होंने कहा कि आज किसान परेशान हो गया है। कर्ज नहीं चुकाने के चलते किसान डिफाल्टर हो गए है और बैंक उन्हें कर्ज चुकाने के लिए नोटिस दे रहे हैं और किसान आज साहूकारों से कर्जा लेने के लिए मजबूर है। सदन में जब हमने चर्चा की मांग की तो सरकार नहीं मानी इसलिए हमने वॉकआउट कर दिया।
शिवराज ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों की समस्या का समाधान करे अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम सड़क पर उतरेंगे। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार किसान कर्जमाफी पर चर्चा के लिए तैयार नहीं और पूरे मुद्दे पर टालमटोल कर रही है, ऐसे में जब प्रदेश में बारिश विलंब से हुई है।
ऐसे में किसानों को जो सहायता मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में डर इस बात का है कि इस बार किसान बोवनी भी नहीं कर पाएगा या नहीं। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर सरकार को पूरी तरह असफल बताया।