भोपाल। कोरोनाकाल में पहले लॉकडाउन और फिर डीजल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी से बुरी तरह प्रभावित ट्रांसपोर्टरों ने अब हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है। त्योहारों से ठीक पहले 10 अगस्त से 12 अगस्त सड़कों पर ट्रकों के पहिए थम जाएंगे। तीन दिन की इस हड़ताल के दौरान ट्रकों और ट्रांसपोर्टरों चक्काजाम करेंगे।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने केंद्र और राज्य सरकार की ट्रक चालकों के प्रति उदासीनता और अड़ियल रवैये को देखते हुए हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल पर जाने का एलान करते हुए अपनी मांगें सरकार के सामने रखी है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती का कहना हैं कि ट्रांसपोर्ट व्यापार की लागत बढ़ने पर आम जनता की जेब पर सीधा भार पड़ता है। अगर प्रदेश में डीजल के दामों में कमी की जाती है तो निश्चित ही लोगों को राहत मिलेगी और कोरोना काल के कारण डूबते हुए ट्रांसफर व्यापार को भी जीवनदान भी मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान ट्रांसपोर्टरों और ट्रक चालकों की ओर दिलाने के लिए तीन दिनों को लॉकडाउन (चक्का जाम) किया जा रहा है, उन्होंने आम जनता और किसानों से भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील की है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की प्रमुख मांग -
1- डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाया जाए।
2- कोविड 19 (कोरोना) की वजह से व्यावसायिक वाहनों के पहिए पूर्णतः रुक गए थे, बावजूद इसके राज्य सरकार को रोड टैक्स,गुड्स टैक्स तो चाहिए ही साथ ही उस पर पेनाल्टी भी चाहिए। देश के विभिन्न राज्यों ने कोरोना काल मे व्यावसायिक वाहनों को रोड टैक्स, गुड्स टैक्स से छूट दे दी है।
3- कोरोना काल में ट्रक चालक लगातार आवश्यक सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति में लगे है, ऐसे में ट्रक चालकों को कोरोना योद्धा मानते हुए उनको भी बीमा सुरक्षा कवच मिलना चाहिए।
4- मध्यप्रदेश की समस्त परिवहन चौकियों पर हो रही अवैध वसूली को तुरंत प्रभाव से बंद कराया जाए।