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MP: बुधवार को निकाय चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग, मतदाता को बाहर निकालने के मिशन में जुटीं पार्टियां

हमें फॉलो करें MP: बुधवार को निकाय चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग, मतदाता को बाहर निकालने के मिशन में जुटीं पार्टियां
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विकास सिंह

, मंगलवार, 12 जुलाई 2022 (18:36 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में बुधवार को दूसरे चरण की वोटिंग होने जा रही है। सुबह 7 बजे सेस शुरू होनेे वाली वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। दूसरे चरण में प्रदेश के 43 जिलों में 5 नगर निगम, 40 नगर पालिका परिषद और 169 नगर परिषदों में मतदान होगा। दूसरे चरण में 5 नगर निगमों में महापौर के लिए कुल 44 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

पहले चरण में कम वोटिंग को देखते हुए दूसरे चरण में वोटिंग बढ़ाने को लेकर अब निर्वाचन आयोग औऱ सियासी दलों ने पूरा जोर लगा दिया है। निकाय चुनाव में कम वोटिंग के बाद भाजपा के खेमे में सबसे अधिक चिंता देखी जा रही है। मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि दूसरे चरण में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे है और मतदान पर्चियां बांट रहे है। उन्होंने दूसरे चरण के सभी मतदाताओं से वोट करने की अपील की है।   
 
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी लोगों से वोट की अपील करते हुए कहा कि लोग अभी से पता कर लें कि उनका वोट आज भी उसी बूथ पर है,जिस पर पिछली बार था या कहीं बदल कर उनका बूथ, उनके आवास से दूर तो नहीं कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि आप वोट ना कर सकें,लेकिन आप पूरी तत्परता से मतदान संबंधित सारी जानकारी बताएं और अधिक से अधिक संख्या में वोट डालकर अपने शहर में लोकतांत्रिक सरकार का गठन करें।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पहले चुनाव में कम वोटिंग के लिए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और मतदाता पर्ची नहीं बांटने को बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले मतदाता जागरूकता अभियान चलाता था लेकिन वो भी इस बार नहीं चलाया गया। इसके साथ ही चुनावी ड्यूटी वाले कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट नहीं दिये गए। जिससे मतदान प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता मतदान केंद्र से परेशान होकर बिना वोट दिये लौट जाए, तो इससे बड़ा कोई अपराध नहीं है। इस तरह की गड़बड़ियों के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, निर्वाचन आयोग को उन पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले इस प्रकार की आशंकाएं जताई थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।

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