Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भोपाल और इंदौर में 2023 तक दौड़ने लगेगी मेट्रो, केंद्र और राज्य के बीच हुआ MOU

हमें फॉलो करें भोपाल और इंदौर में 2023 तक दौड़ने लगेगी मेट्रो, केंद्र और राज्य के बीच हुआ MOU

विशेष प्रतिनिधि

, सोमवार, 19 अगस्त 2019 (20:34 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही लोग मेट्रो ट्रेन के सफर का मजा ले सकेंगे। 2023 तक भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन दौड़ने लगेगी। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को दिल्ली में केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच एमओयू हुआ।
 
केंद्रीय शहरी और आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में एमओयू साइन हुआ। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने पहले ही अपनी मंजूरी दे चुकी है।
 
एमओयू साइन होने के बाद नगरीय विकास और आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में 2 कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा।
 
webdunia
इसकी कुल लागत रुपए 6,941 करोड़ 40 लाख होगी, वहीं इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहे से विजयनगर, भंवरासला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी। इसकी कुल लागत 7,500 करोड़ 80 लाख है।
 
मीडिया से बातचीत में मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि आज सोमवार का दिन मध्यप्रदेश के लिए गौरव का दिन है और सरकार की कोशिश रहेगी कि 2022 के अंत या 2023 की शुरुआत तक दोनों शहरों में मेट्रो का पहले फेस का काम पूरा होकर मेट्रो दौड़ने लगे, एमओयू साइन होने के बाद अब कल मंगलवार से ही इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।
 
मेट्रो प्रोजेक्ट की खास बात : भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50:50 ज्वॉइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी।
 
कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।
 
प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेव्हलपमेंट बैंक तथा न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जाएगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर केपिटल खरीदेगी जिससे प्रोजेक्ट के लिए बहुपक्षीय और द्विपक्षीय लोन की सुविधा मिल सके।
 
प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे। भारत सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैंडर्ड और स्पे‍सिफिकेशंस को एप्रूव करेगी। सुरक्षा का सर्टिफिकेट मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर देंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इनकमिंग कॉल की सुविधा के साथ मोबाइल चलेंगे कश्मीर में सप्ताहांत में!