भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार अब भगवान श्री कृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित कने के साथ श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में भगवान भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों के विकसित करने के निर्देश दिए। मोहन सरकार प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण की मध्यप्रदेश में यात्राओं से संबंधित स्थल जैसे उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा, जानापाव में भगवान परशुराम जी ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान करने तथा धार के पास अमझेरा में रूक्मणी जी के हरण के पवित्र स्थानों को तीर्थ स्थल बनाने जा रही है। श्रीकृष्ण पाथेय मार्ग के लिए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं औऱ विभाग भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े लीला स्थलों को चिन्हित करते हुए तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार भगवान श्रीराम वनगमन पथ तथा श्रीकृष्ण पाथेय अर्थात् भगवान श्रीराम ने मध्यप्रदेश के जिन-जिन स्थानों से यात्रा की हैं उन स्थानों को चिन्हित कर तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार चित्रकूट के आवागमन का मार्ग या लंका विजय के पश्चात पुन: अयोध्या प्रयाण का जो मार्ग है उस मार्ग को चिहिन्त करते हुए तीर्थ के रूप में विकसित करने जा रही है।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों का चिन्हांकन करने और उनके विकास के लिए विद्वानों का संकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर कार्य करें।
गीता महोत्सव बनाने के निर्देश- शुक्रवार को पर्यटन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उज्जैन, मैहर, इंदौर, चित्रकूट आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। उन्होंने अन्य पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों की भी बेहतर ढंग से ब्राडिंग और प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थल बढ़ाने के भी प्रयास हों। प्रदेश में गीता जयंती पर गीता महोत्सव मनाने की कार्ययोजना बनाएं। इसी तरह मानस जयंती भी मनाई जाए।
भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण के नाम पर बनें भोपाल के प्रवेश द्वार- बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर भोपाल के प्रवेश द्वार बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजाभोज और राजा विक्रमादित्य के नाम पर भी प्रवेश द्वार बनाने की कार्ययोजना बनाई जाए। राज्य की सीमा पर भी प्रवेश द्वार बनाए जाने की तैयारी की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बनाए जा रहे 18 लोक से संबंधित कार्य बेहतर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित किए जाएं। प्रदेश में 7 स्थानों पर रोपवे के कार्य भी किए जाना है, इससे पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश का महत्व और अधिक बढ़ सकेगा। प्रदेश में लाईट एंड साउंड शो के स्थल विकसित करने के 8 कार्य चल रहे हैं। इसी तरह संग्रहालय निर्माण के 5 कार्य प्रचलन में हैं और 5 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। यह सभी कार्य बेहतर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ममलेश्वर मंदिर के विकास कार्य पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक और पर्यटन स्थलों एवं प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यों के प्रोजेक्ट से अवगत कराने के लिए भारत सरकार के मंत्रियों को आमंत्रित किया जाए। इनकी प्रसिद्धि के लिए अच्छे ढंग से कार्य किए जाएं। बड़े शहरों में कन्वेंशन सेंटर बनाए जाएं। निवेश प्रोत्साहन के लिए रोड-शो का आयोजन हो। धार्मिक पर्यटन के कार्यों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। उन्होंने जिला कलेक्टर को सतना विकास प्राधिकरण का प्लान बनाने के निर्देश दिए।