कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) और मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) सहित अन्य के सोशल मीडिया अकाउंट के संचालकों (खाता चलाने वाला व्यक्ति) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने रविवार को मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन किया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केके मिश्रा ने दावा किया कि प्रियंका, कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और जयराम रमेश के खिलाफ राज्य के 41 जिलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध शाखा भारतीय जनता पार्टी (BJP) की इकाई बन गई है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली एक पोस्ट को लेकर इंदौर पुलिस ने शनिवार रात कहा कि उन्होंने प्रियंका, कमलनाथ और अरुण यादव के 'एक्स' अकाउंट के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से फर्जी पत्र वायरल किया जिसमें राज्य में ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने की बात लिखी गई है।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कांग्रेस ने प्राथमिकियों के खिलाफ मध्यप्रदेश के 52 जिलों में प्रेस कांफ्रेंस की।
उन्होंने कहा कि कई जिलों में हमने प्रदर्शन किया। मिश्रा ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की अपराध शाखा भाजपा नेताओं की मदद कर रही है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और अन्य के साथ मिश्रा ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि उन्हें अपनी सीमा में रहना चाहिए, अन्यथा चार महीने बाद, उनकी वर्दी छीन ली जाएगी।
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि इस चुनाव में उनकी पार्टी विजयी होकर सत्ता में आएगी।
मिश्रा ने दावा किया कि प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ, जयराम रमेश और अरुण यादव के खिलाफ मध्यप्रदेश के 41 जिलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। वे (सरकार) संविधान के अनुच्छेद 19 (ए) के तहत हमें दिए गए अभिव्यक्ति के हमारे मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले ढाई साल में हुए घोटालों की सूची जारी करेगी। उन्होंने कहा कि तब आप (सरकार) कितने लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे? पीसी शर्मा ने कहा कि वे जेल जाने के लिए तैयार हैं और प्राथिमिकी से उन्हें डराया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने पत्र लिखा है तो हाईकोर्ट को इसकी जांच करने दीजिए। जल्दबाजी में प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई? भाषा Edited By : Sudhir Sharma