एमपी हाईकोर्ट ने तिरंगे को सलामी देने की शर्त पर दी आरोपी व्यक्ति को जमानत

आरोपी खुलेआम भारत के खिलाफ नारे लगा रहा था

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024 (12:25 IST)
जबलपुर (एमपी)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के आरोपी व्यक्ति को महीने में 2 दफा थाने में 21 बार राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने और 'भारतमाता की जय' (Bharat Mata Ki Jai) का नारा लगाने की शर्त पर जमानत दे दी।
 
न्यायमूर्ति डीके पालीवाल ने मंगलवार को आदेश में कहा कि आरोपी को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है जिससे उसके अंदर उस देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा हो, जहां वह पैदा हुआ और रह रहा है।ALSO READ: RSS ने दी केरल विधानसभा में अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
 
आरोपी खुलेआम भारत के खिलाफ नारे लगा रहा था : अदालत ने कहा कि वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहा है जिसमें वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा है। अदालत ने आरोपी को महीने के हर पहले और चौथे मंगलवार को राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने और 'भारतमाता की जय' का नारा लगाने का निर्देश दिया। आरोपी फैजल उर्फ ​​फैजान को मई में भोपाल के मिसरोद थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप, बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था।ALSO READ: भू कानून पर CM पुष्कर धामी का बड़ा ऐलान, जमीन का दुरुपयोग करने वालों पर कसेगा शिकंजा
 
उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि यह निर्देश दिया जाता है कि अभियुक्त फैजल उर्फ ​​फैजान को निचली अदालत में 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक जमानतदार के रूप में पेश करने पर जमानत पर रिहा किया जाए ताकि वह मुकदमे के दौरान निचली अदालत के समक्ष नियमित रूप से उपस्थित हो सके।ALSO READ: उत्तराखंड में लागू हुआ सख्‍त कानून, सरकारी संपत्ति के नुकसान पर उपद्रवियों से होगी वसूली
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह भी निर्देश दिया जाता है कि वह मुकदमे के समापन तक हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को पुलिस थाने मिसरोद, भोपाल के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा और थाने की इमारत पर फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार 'भारतमाता की जय' कहकर सलामी देगा।
 
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाया था, जो विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के समान है और उसका कृत्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक है। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को झूठे आरोप में फंसाया गया है, वहीं सरकारी वकील ने दलील दी कि एक वीडियो में आरोपी को पाकिस्तान की प्रशंसा करते और भारत की निंदा में नारे लगाते हुए देखा गया है। राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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