एमपी के अस्पताल में वेंटिलेटर पर मरीज की मौत, परिजन बोले- एसी में आग लगने से ऐसा हुआ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (17:40 IST)
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक सरकारी अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर रखे गए एक मरीज की मंगलवार को मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि वातानुकूलन इकाई में आग लगने के कारण ऐसा हुआ जबकि अस्पताल प्रबंधन ने इस आरोप का खंडन किया है। यह घटना जयारोग्य अस्पताल की है।
 
परिजनों ने कहा कि कमरे में धुआं भर जाने के कारण मरीज को बाहर ले जाते समय मौत हुई जबकि अस्पताल अधिकारियों ने दावा किया कि मृतक की हालत पहले से ही गंभीर थी। अधिकारियों ने कहा कि सेंटर में भर्ती अन्य नौ मरीज सुरक्षित हैं।
 
गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (जीआरएमसी) के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर की एक वातानुकूलन इकाई में सुबह आग लग गई जिसके बाद अधीक्षक समेत सभी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर 10 मरीज थे और सभी को दूसरे कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया।
 
ट्रॉमा केयर सेंटर में पिता का इलाज करा रहे आबिद खान ने दावा किया कि उनके पिता वेंटिलेटर पर थे और उनका बिस्तर उस वातानुकूलन इकाई के ठीक नीचे था जिसमें आग लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में धुआं फैल जाने के कारण जब उनके पिता को स्थानांतरित किया जा रहा था तभी उनकी मौत हुई। कुछ देर में आग पर काबू पा लिया गया। खान ने दावा किया कि उनके पिता आजाद खान की मौत दूसरे कमरे में ले जाने के दौरान हुई। हालांकि डॉ. धाकड़ ने कहा कि यह कहना गलत है कि मरीज की मौत वातानुकूलन इकाई में आग लगने के कारण हुई।
 
मरीज को शिवपुरी से अस्पताल लाया गया था और उसकी ब्रेन सर्जरी की गई थी। वह एम-एक श्रेणी का मरीज थे, जो ब्रेन डेड व्यक्ति के समान होता है। उन्होंने कहा कि आग सुबह करीब सात बजे लगी जबकि मरीज की मौत सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर हुई।
 
उन्होंने कहा कि  इसलिए यह कहना गलत होगा कि मरीज की मौत आग लगने या दूसरे कमरे में स्थानांतरित किए जाने के दौरान हुई। डीन ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर में केवल गंभीर हालत वाले मरीज ही भर्ती थे और उन्हें वेंटिलेटर के साथ ही स्थानांतरित किया गया।
 
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि स्थानांतरित किए जाने के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई, क्योंकि वेंटिलेटर में बैकअप सिस्टम होता है। धाकड़ ने कहा कि यहां भर्ती अन्य नौ मरीज फिलहाल सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वहां रखे अग्निशमन यंत्रों का उपयोग कर चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद आग को बुझाया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या नीतीश कुमार को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है भाजपा?

ओडिशा आत्मदाह केस में प्रोफेसर समीर साहू ने छात्रा से कहा था—तुम बच्ची नहीं हो, समझो मैं क्या चाहता हूं

निमिषा प्रिया की फांसी, क्‍या ब्‍लड मनी के लिए राजी हुआ परिवार?

Odisha : शराबी ऑटो चालक ने हथौड़ा मारकर की माता-पिता की हत्या, रातभर रहा शवों के पास

राजा हरि सिंह पर खान सर की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, जानिए कश्मीर के भारत में विलय की पूरी कहानी

सभी देखें

नवीनतम

Air India ने पूरी की बोइंग 787 विमानों की जांच, फ्यूल कंट्रोल स्विच में नहीं मिली कोई गड़बड़ी

बम की धमकी वाले Email की जांच में उलझी पुलिस, Dark Web और VPN बने बड़ी चुनौती

NCERT की इस नई किताब में बताया कैसे थे अकबर और बाबर

Akash Prime Air Defence System : आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण, S400 से कितना है ताकतवर, पढ़ें खूबियां

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- हम भारत के साथ व्यापार समझौते के बहुत करीब

अगला लेख