पीथमपुर पहुंचा यूनियन कार्बाइड का कचरा, लोगों को सता रहा है किस बात का डर?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 2 जनवरी 2025 (11:52 IST)
union carbide material waste : भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा गुरुवार तड़के इंदौर के पास स्थित पीथमपुर की एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में पहुंचा दिया गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जहरीले अपशिष्ट को 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में भोपाल से 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की अपशिष्ट निपटान इकाई में भेजा गया। इसे नष्ट करने में 126 करोड़ रुपए खर्च आएगा। बहरहाल यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के आने की खबर से 1.75 लाख की आबादी वाले पीथमपुर के लोग खासे नाराज हैं और वे सड़क पर उतर आए। ALSO READ: 40 साल बाद भोपाल से पीथमपुर पहुंचा यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा, ऐसे किया जाएगा नष्ट
 
अधिकारियों ने बताया कि एक निजी कंपनी द्वारा संचालित इस इकाई के आस-पास बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस बीच, स्थानीय नागरिक समूहों ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट नहीं किए जाने की मांग को लेकर इस औद्योगिक कस्बे में विरोध प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है। करीब 1.75 लाख की आबादी वाले पीथमपुर में लोग यहां कचरा निस्तारण का जमकर विरोध कर रहे हैं। लोगों ने आज आज बस स्टैंड पर रैली करने का आह्वान किया है। शुक्रवार को भी नगर बंद का आह्वान भी किया गया है।
 
क्यों नाराज हैं लोग : कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि 2015 के दौरान पीथमपुर में परीक्षण के तौर पर यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे को नष्ट किया गया था जिसके बाद आस-पास के गांवों की मिट्टी, भूमिगत जल और जल स्रोत प्रदूषित हो गए। नागरिकों ने जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने से इंसानी आबादी और पर्यावरण पर दुष्प्रभावों की आशंका जताई है। गैस राहत और पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि 2015 के परीक्षण की रिपोर्ट और सभी आपत्तियों की जांच के बाद ही पीथमपुर में इस कचरे के निपटान का फैसला किया गया है और चिंता की कोई बात नहीं है।
 
क्या बोलीं मोदी की मंत्री सावित्री ठाकुर : पीथमपुर, धार लोकसभा क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र की लोकसभा में नुमाइंदगी करने वाली सावित्री ठाकुर केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं। ठाकुर ने बताया कि हम जन प्रतिनिधि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पीथमपुर के नागरिकों का पक्ष पहुंचाएंगे और मुख्यमंत्री से उचित कदम उठाए जाने का आग्रह किया जाएगा।
 
 
हाईकोर्ट ने दी थी चेतावनी : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर को इस कारखाने के जहरीले कचरे को स्थानांतरित करने के लिए चार सप्ताह की समय-सीमा तय की थी और सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
 
भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था। इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है। बहरहाल भोपाल को 40 साल बाद युनियन कार्बाइड के कचरे से मुक्ति मिल गई है। 
 
edited by : Nrapendra Gupta

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