मध्यप्रदेश में फिर शुरु नाम बदलने की सियासत, उज्जैन के बाद अब शाजापुर के 11 गांव के नाम बदले

उर्दू के नाम वाले गांवों के नाम बदलने का एलान

विकास सिंह
सोमवार, 13 जनवरी 2025 (12:12 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों एक बार फिर नाम बदलने का सिलसिला शुरु हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार अपने कार्यक्रमों में गांवों के नाम बदलने का एलान कर रहे है। रविवार को शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 गाँव के नाम बदलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री शाजापुर के ग्राम निपानिया हिस्सामुद्दीन को निपानिया देव, ढाबला हुसैनपुर को ढाबला राम, मोहम्मदपुर पवाड़िया को रामपुर पवाड़िया, खजूरी अलाहदाद को खजूरी राम, हाजीपुर को हीरापुर, मोहम्मदपुर मछनाई को मोहनपुर, रीछड़ी मुरादाबाद को रीछड़ी, खलीलपुर (ग्राम पंचायत सिलोंदा) को रामपुर, ऊँचोद को ऊँचावद, घट्टी मुख्त्यारपुर को घट्टी और शेखपुर बोंगी को अवधपुरी नाम देने की घोषणा की।

गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन जिले के 3 गांवों  का नाम बदलने की घोषणा कर चुके है। दिलचस्प यह है कि जिन गांवों के नाम अब तक बदले है वह उर्दू में होने के साथ मुस्लिम व्यक्तियों के नाम पर थे।  

नामबदलने की सियासत--ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश में नाम बदलने का सिलसिला कोई नया है। प्रदेश में भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में भी नाम बदलने का रिवाज खूब देखा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने गृह नगर सीहोर की तहसील नसरुल्लागंज का नाम बदल भैरूंदा किया था। वहीं राजधानी भोपाल के बैरसियां तहसील स्थित इस्लामनगर को नाम बदलकर जगदीशपुर, होशंगाबाद जिले का नाम नर्मदापुरम और बाबई का नाम माखन नगर करने के साथ भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन किया  चुका है। इसके साथ राजधानी के ऐतिहासिक मिंटो हाल का नाम कुशाभाऊ ठाकरे हाल, इंदौर के पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा, इंदौर के भंवरकुआं चौराहे और एमआर टेन बस अड्डा का नामकरण भी टंट्या मामा के नाम से किया जा चुका है।

अगर देखा जाए तो विदेशी आक्रांताओं के नाम पर बसे शहरों के नाम बदलने के सिलसिला देश में बहुत पुराना है लेकिन 2014 के बाद सरकार नाम बदलने के बहाने अपनी सियासत को चमकाने लगी है। वैसे तो शहरों और स्थानों के नाम बदलने को लेकर सबसे ज़्यादा सवाल और विवाद उत्तर प्रदेश में देखे जाते रहे है जहां ऐतिहासिक शहर इलाहाबाद से लेकर फैजाबाद तक का नाम बदला जा चुका है। वहीं नाम बदलने की राजनीति में दक्षिण के राज्य भी पीछे नहीं है। आंध्र प्रदेश नाम बदलने की दौड़ में सबसे आगे दिखाई देता है जब करीब 76 जगहों के नाम बदले जा चुके हैं। ऐसे ही तमिलनाडु ने 31 और केरल ने 26 जगहों का नाम बदला गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार-ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के नाम बदलने का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। शहरों का नाम बदलने संबंधी संबंधित भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका को न केवल सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बल्कि याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई। याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि आखिर इस तरह जगहों के नाम बदलने से हासिल क्या होने वाला है? इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि ये मुद्दे जिंदा रखकर आप चाहते हैं कि देश उबलता रहे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

टाटा, अडाणी, अंबानी नहीं, भारत के इस शख्स के पास है सबसे ज्यादा Rolls Royce

कन्नौज रेलवे स्टेशन हादसा : हादसे का जिम्मेदार कौन, 13 करोड़ की लागत, चपेट में आए 46 मजदूर, 3 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

Excise Policy Scam को लेकर BJP का दावा, CAG Report ने खोली अरविंद केजरीवाल की पोल

तमिलनाडु में भी सीएम और राज्यपाल आमने सामने, स्टालिन ने कहा- रवि की हरकतें बचकानी

ये है दुनिया की पहली कार्बन-न्यूट्रल बेबी आदवी, मात्र 2 साल की उम्र में कैसे किया ये कारनामा

सभी देखें

नवीनतम

मध्यप्रदेश में फिर शुरु नाम बदलने की सियासत, उज्जैन के बाद अब शाजापुर के 11 गांव के नाम बदले

दिल्ली सरकार को झटका, हाईकोर्ट ने कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

Petrol-Diesel : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नहीं हुआ बदलाव, जानिए क्‍या हैं 4 महानगरों में भाव

Weather Update : कई राज्‍यों में चमकी ठंड, बारिश, बर्फबारी और घने कोहरे का अलर्ट

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का शुभारंभ, 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

अगला लेख