आसमान में फैल रहे जहरीले कचरे से कौन मुक्ति दिलाएगा?

Webdunia
मंगलवार, 13 दिसंबर 2016 (13:02 IST)
-डॉ. राम श्रीवास्तव
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सड़कों और गलियों से कचरे सफाई की चिंता तो की जा रही है, लेकिन आसमान में फैल रहे जहरीले कचरे की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। यह आसमानी जहर लोगों को गंभीर बीमारियों का शिकार बना रहा है। 
 
आसमान का यह चित्र मंगलवार प्रात: 7 बजे (13 दिसंबर, 2016)  इंदौर शहर के स्कीम नंबर 103 केसरबाग़ के बग़ीचे से पूर्व दिशा की ओर का है। सूरज की किरणें जिस काले बादलों को चूम कर आ रही हैं, यह दरअसल पानी के काले बादल नहीं हैं। यह एबी रोड और बायपास के ऊपर तैर रहे डीज़ल और ज़हरीले वाहनों से निकले कम्बस्चन ईंधन का है।
 
इससे कैंसर पैदा करने वाला ज़हर हवा में घुल रहा है। इस विष को पूरी दुनिया जानती है। इस धुएँ से श्वास, अस्थमा और कैंसर की बीमारी होती है। एक जानकारी के मुताबिक बायपास और एबी रोड पर करीब 4 हजार 380 भारी वाहन प्रतिदिन गुज़रते हैं। इनमें से 75 प्रतिशत वाहन वह हैं जो 15 साल से भी अधिक पुराने हैं।
एक तो डीज़ल पेट्रोल में कैरोसिन और अन्य सस्ते रसायनों की मिलावट ऊपर से धूल-धक्कड़, पॉलिथिन और टायरों को जलाकर रात की ठंड भगाने का तरीक़ा भी इस जहर को और बढ़ा रहा है। शहर के रोज़ाना के कचरे को घर-घर से उठाकर नगर निगम ज़रूर साफ कर देगी मगर आसमान में फैल रहे इस ज़हरीले कचरे से कौन मुक्ति दिलाएगा? 

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