मध्यप्रदेश विधानसभा में पास हुआ धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, बोले गृहमंत्री 'लव' नहीं 'जिहाद' के खिलाफ
लव जिहाद कानून की की 10 बड़ी बातें
भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने वाला धर्मिक स्वातंत्र्य विधेयक को आज विधानसभा ने अपनी मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि सरकार पहले ही इसे अध्यादेश के जरिए प्रदेश में लागू कर चुकी है। आज अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस पर विधानसभा में विपक्ष के शोर शराबे के बीच नया कानून पास हो गया। विपक्ष ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।
लव जिहाद से जुड़ा विधेयक विधानसभा से पास होने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि “आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सम्मान की रक्षा करने वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधानसभा में पारित होना हर्ष और गौरव की बात है। प्रदेश में बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए होने वाले शादी-विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है”।
वहीं सदन में विधेयक के पास होने पर कांग्रेस विधायकों के विरोध और हंगामे पर गृहमंत्री ने पूरी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि “महिला दिवस पर बेटियों की सुरक्षा से जुड़े धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर कांग्रेस का विरोध उसके असल चरित्र को उजागर करता है। इससे उसकी महिलाओं के प्रति सोच पता चलती है। सीएए पर भी उसने देश में भ्रम फैलाया था। उसका रवैया बेहद पीड़ादायक है”।
लव जिहाद से लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने शिवराज सरकार के इस कानून में कुछ ऐसे प्रावधान किए गए है जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं है। लव जिहाद को लेकर अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद अब मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन गया है जिसने इस तरह का कठोर कानून बनाया है।
मप्र धार्मिक स्वतंत्रता कानून के मुख्य बिंदु
1-मप्र धार्मिक स्वतंत्रता कानून-2020 में बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा और एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
2- इस तरह की शादी कराने वाले धर्म गुरु,काजी-मौलवी को भी पांच साल तक सजा मिलेगी।
3-लव जिहाद (धर्म छिपाकर) से की गई शादी शून्य घोषित होगी। शादी करने के लिए जिले के कलेक्टर के सामने दो महीने पहले आवेदन देना होगा।
4-लव जिहाद से की गई शादी रद्द होने के बाद महिला और उसके बच्च भरण पोषण के हकदार होंगे। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार होंगे।
5-कोई भी व्यक्ति दूसरे को दिगभ्रमित कर,प्रलोभन,धमकी,बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का षड़यंत्र भी नहीं कर सकेगा।
6-अपना धर्म छुपाकर यानि लव जिहाद करके शादी करने पर तीन साल से दस साल तक की कैद और 50 हजार रूपए अर्थदण्ड और
सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास एवं एक लाख रूपए का जुर्माना किया जाएगा।
7-कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को एक साल से पांच साल तक के करावास और 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा नाबालिग,महिला,अ.जा,अ.ज.जा के केस में दो से दस साल तक की करावास और कम से कम 50 हजार रूपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।
8-धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने वाली संस्था या संगठन को भी अपराधी के सामान सजा मिलेगी।
9-जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद के अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाया गया है।
10-धर्मांतरण नहीं किया गया है इसको आरोपी को साबित करना होगा। ऐसे अपराध की जांच उप पुलिस निरीक्षक (एसआई) से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा।