इंदौर में रेसीडेंसी कोठी का बदला नाम, नगर निगम के फैसले पर भड़की कांग्रेस

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 (23:48 IST)
Indore MP News : ब्रितानी राज के खिलाफ 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के शौर्य की साक्षी रही इंदौर स्थित ‘रेसीडेंसी’ कोठी का नाम मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखे जाने के नगर निगम के फैसले को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।
 
शहर की एक सामाजिक संस्था ने करीब 200 साल पुरानी इमारत का नाम इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई के नाम पर रखने की मांग की है। चश्मदीदों ने बताया कि संस्था के लोगों ने इस ऐतिहासिक इमारत के मुख्य द्वार के बाहर सोमवार को देवी अहिल्या बाई कोठी का बैनर टांग दिया।
ALSO READ: इंदौर पहुंची इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस, जानिए किन रूट्स पर दौड़ेगी...
‘पुण्यश्लोक’ संस्था के प्रमुख जतिन थोरात ने कहा, हम छत्रपति शिवाजी महाराज का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन इस साल देशभर में देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाई जा रही है। लिहाजा नगर निगम से हमारी मांग है कि रेसीडेंसी कोठी का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर विश्राम गृह रखा जाए।
 
उन्होंने कहा कि उनकी संस्था अपनी मांग के संबंध में नगर निगम प्रशासन को औपचारिक ज्ञापन सौंपेगी और इस पर प्रतिक्रिया के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि ‘रेसीडेंसी’ कोठी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी करने का फैसला शहर के लोगों के सुझावों के आधार पर महापौर परिषद (एमआईसी) की सर्वसम्मति से किया गया है।
ALSO READ: इंदौर में सामुदायिक कैमरा निगरानी प्रणाली को हरी झंडी
‘रेसीडेंसी’ कोठी, इंदौर की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। शहर आने वाली विशिष्ट और अति विशिष्ट हस्तियों को ‘रेसीडेंसी’ कोठी में ठहराया जाता है। इस इमारत में अहम सरकारी बैठकें भी आयोजित की जाती हैं। इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि ‘रेसीडेंसी’ कोठी का निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1820 में शुरू किया था और इसमें रहने वाले अंग्रेज अफसर समूचे मध्य भारत की रियासतों को नियंत्रित करते थे।
 
उन्होंने बताया, क्रांतिकारी सआदत खान और उनके सशस्त्र साथियों ने एक जुलाई 1857 को रेसीडेंसी कोठी पर भीषण हमला करके इसके प्रवेश द्वार को ध्वस्त कर दिया था और इस इमारत पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। क्रांतिकारियों ने रेसीडेंसी कोठी पर लगे ईस्ट इंडिया कंपनी के झंडे को उतारकर इस पर तत्कालीन होलकर रियासत का ध्वज फहरा दिया था।
ALSO READ: इंदौर मनमाड़ रेल लाइन को मंजूरी, घटेगी मुंबई की दूरी, सस्ता होगा सफर
अंसारी ने बताया कि खान को 1874 में तत्कालीन राजपूताना (मौजूदा राजस्थान) से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि अंग्रेज शासकों ने खान के खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें ‘रेसीडेंसी’ कोठी परिसर के पेड़ पर एक अक्टूबर 1874 को फांसी के फंदे से लटका कर मृत्युदंड दिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख