Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

RTO का पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा 4 फरवरी तक रिमांड पर, सहयोगी चेतन गौर और शरद जायसवाल भी शिकंजे में

Advertiesment
हमें फॉलो करें RTO का पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा 4 फरवरी तक रिमांड पर, सहयोगी चेतन गौर और शरद जायसवाल भी शिकंजे में

विकास सिंह

, मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (19:24 IST)
भोपाल। आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके राजदार चेतन गौर को चार फरवरी तक लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले आज नाटकीय घटनाक्रम के बीच लोकायुक्त पुलिस ने 41 दिन से अधिक समय से फरार सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया। सौरभ को गिरफ्तार करने के बाद लोकायुक्त दफ्तर में उससे पांच घंटे तक पूछताछ हुई उसके बाद देर शाम उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर  भेज दिया गया। इस बीच सौरभ शर्मा का पार्टनर शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त पुलिस ने पूछताछ के बाद हिरासत में लिया है। शरद जायसवाल आज पूछताछ के लिए लोकायुक्त के नोटिस पर लोकायुक्त दफ्तर पर पहुंचे थे।

वकील का दावा कोर्ट के बाहर से हुई गिरफ्तारी- लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा को कहां से गिरफ्तार किया है, यह पूरी तरह साफ नहीं हो सका। सौरभ शर्मा के वकील के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल कोर्ट परिसर के बाहर से सौरभ शर्मा को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह कोर्ट आ रहा था। वहीं लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा को भोपाल में एक स्थान से गिफ्तारी के बात कही है। सौरभ शर्मा के वकीलों ने अपने मुवक्किल की गिफ्तारी को गैर कानूनी बताते हुए कोर्ट में आवेदन भी लगाया था।   

गौरतलब है कि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पिछले साल 17 दिसंबर को लोकायुक्त ने छापा मारा था। छापे के बाद सौरभ शर्मा फरार था और उसके दुबई में होने की जानकारी सामने आ रही थी। इस बीच सोमवार को सौरभ शर्मा जांच एजेंसियों को छकाते हुए भोपाल कोर्ट में पहुंचकर कोर्ट के सामने सरेंडर का आवेदन दिया था।

रिमांड पर पूछताछ में  खुलेंगे  कई  राज- आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा से लोकायुक्त की पूछताछ में कई राज खुलेगे। सौरभ ने किस तरह सात साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किय़ा, यह अब पूछताछ मेंं ही साफ हुआ। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर जब 17 दिसंबर को लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अब तक की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।

सोना लदी लावरिस कार से सौरभ शर्मा का कनेक्शन-भोपाल में मेंडोरी गांव से जिस एसयूवी गाड़ी से 54 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद हुआ है वहां सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है. जबकि उसका दोस्त चेतन गौर भी ग्वालियर का ही रहने वाला है। ग्वालियर के आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड जिस इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला है, उसका उपयोग सौरभ सिंह ही करता है। बताया जा रहा है कि चेतन सिंह,  सौरभ शर्मा का बेहद नजदीकी है। सौरभ शर्मा के साथ बतौर ड्राइवर का काम शुरू करने वाले चेतन सिंह आज सौरभ सिंह का सबसे बड़ा राजदार है और सौरभ के रियल एस्सटेट से जुड़े काम वहीं संभाल रहा है। परिवहन विभाग से लेकर कारोबार में चेतन सिंह ने जिम्मेदारी संभाल रखी थी। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाले चेतन सिंह करीब छह साल पहले ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हो गया था। 

सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों की अवैध कमाई से जमीनों और कारोबार का साम्राज्य  खड़ा कर लिया। परिवहन महकमें से नौकरी छोड़ने से पहले ही वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था। मूल रूप से ग्वालियर निवासी सौरभ को अपने डॉक्टर पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। महज कुछ साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था। इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने ले लिया. इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Delhi Assembly Elections : शराब घोटाला नई तरह की राजनीति, राहुल गांधी ने केजरीवाल को लपेटा, पटपड़गंज से डरकर भागे मनीष सिसोदिया