इंदौर। कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को उपचुनाव के दौरान महामारी के डर पर मतदाताओं का उत्साह भारी पड़ा। ग्रामीण आबादी की बहुतायत वाले इस क्षेत्र में लगभग 78 प्रतिशत मतदान के साथ 13 उम्मीदवारों का चुनावी नसीब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद हो गया।
जिला निर्वाचन कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र के 380 मतदान केंद्रों में मंगलवार सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच तकरीबन 78 प्रतिशत वोट पड़े।
अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के शरीर का तापमान जांचा गया और उन्हें मास्क व दस्ताने बांटे गए। महामारी से बचाव के लिए इन केंद्रों में कुछ यूं इंतजाम किए गए कि मतदाताओं की कतारों में शारीरिक दूरी बनी रहे।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सांवेर सीट के लिए कुल 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जबकि 2.70 लाख लोगों को मताधिकार हासिल था। उपचुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद बौरासी गुड्डू के बीच कांटे की टक्कर हुई जिसका नतीजा 10 नवंबर को वोटों की गिनती से पता चलेगा।
पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान सांवेर में वर्ष 2008 में 73.85 प्रतिशत, 2013 में 77.71 प्रतिशत और 2018 में 80.43 प्रतिशत मतदान हुआ था।
इस क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान मंगलवार को वोट डाले जाने के दौरान खुड़ैल गांव के पास स्थित निजी क्षेत्र के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र में भाजपा और कांग्रेस के नेता चुनाव अधिकारियों से बार-बार तीखी बहस करते दिखाई दिए।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि वैध पहचान पत्र दिखाने के बावजूद कुछ मतदाताओं को इस केंद्र में वोट डालने से रोकने की कोशिश की गई। उधर, कांग्रेस नेताओं ने निजी मेडिकल कॉलेज में मतदान केंद्र बनाए जाने को लेकर आपत्ति जताते हुए वहां कुछ लोगों द्वारा फर्जी पहचान के आधार पर वोट डाले जाने का आरोप लगाया। (भाषा)