भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अपने पिता की हवस का शिकार बनी एक मासूम बच्ची को अब स्कूल से निकालने का मामला सामने आया है।
बच्ची (7) के अभिभावकों (उसके चाचा-चाची) के इस मामले में मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग में गुहार लगाने के बाद अब आयोग ने राज्य शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) से रिपोर्ट मांगते हुए स्कूल प्रबंधन को तलब किया है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने दूरभाष पर बताया कि मासूम के अभिभावकों के गुरुवार को इस बारे में आयोग में गुहार लगाने के बाद फौरन स्कूल से जवाब मांगा गया। स्कूल का कहना है कि उसने बच्ची को निकाला नहीं है। विरोधाभास को देखते हुए डीपीसी से रिपोर्ट तलब की गई है।
उन्होंने बताया कि 23 तारीख को स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों दोनों की बात सुनी जाएगी। इसके पहले कल बच्ची के अभिभावकों ने आयोग में गुहार लगाते हुए कहा था कि बच्ची के साथ उसके पिता ने तीन साल पहले दुष्कर्म किया था, उसके बाद से बच्ची उन्हीं के पास है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राजधानी के एक निजी स्कूल में भर्ती किया गया, लेकिन स्कूल ने दो साल पढ़ाने के बाद यह कहते हुए आगे पढ़ाने से मना कर दिया कि बच्ची के अभिभावक के तौर पर उसके पिता का ही नाम होना चाहिए।
बच्ची की चाची ने इसे मानवीय पहलू से जोड़ते हुए कहा कि अगर अभिभावक के तौर पर पिता का नाम दर्ज कराया गया, तो वह अपनी कड़वी यादों को कभी भुला नहीं पाएगी। (वार्ता)
Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे
भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी
प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्या है उनका बंगला कनेक्शन
UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां
क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे