कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर हुई बैठक में 19 विपक्षी दलों के शामिल होने को मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता से जोड़कर देखा जा रहा है। बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता से बीजेपी को हटाने की चुनौती को साथ मिलकर ही पार किया जा सकता है, इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। सोनिया ने यह भी कहा कि सभी दलों की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन उन्हें विवशताओं से ऊपर उठना होगा।
वहीं विपक्षी दलों की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी को लेकर मध्यप्रदेश की सियासत गर्मा गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के अगुवाई में बैठक को लेकर तंज कसते हुए कहा कि “आज कल मैडम को विपक्षीय एकता याद याद आ रही है जब कांग्रेस के पास कुछ नहीं है न अस्तित्व है, न विचारधारा है। कांग्रेस अपना अध्यक्ष तो बना नही पा रही है कांग्रेस के पास है क्या? खाने को नही है दाने,परिवार मोह में अंधी कांग्रेस दिशा भ्रष्ट हो गई है। कांग्रेस तो ऐसी नाव हो गई है जो, खुद तो डूबेगी जो उसमे बैठेगा वो भी डूबेगा। हम तो डूबे है सनम, तुम्हे भी ले डूबेंगे!"
वहीं सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीधे सोनिया गांधी पर हमला करते हुए ट्वीट किया कि “मैडम सोनिया गांधी जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश और हर देशवासी पूरी तह सुरक्षित है। आप देश की चिंता छोड़ पहले अपनी पार्टी को तो सुरक्षित कर लीजिए जो न तो अपना अध्यक्ष चुन पा रही है और न ही नेताओं को रोक पा रही है। कांग्रेस अब समाप्ति की ओर है”।
वहीं विपक्षी एकजुटता की कोशिशों को समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस की योजना को झटका दे दिया। इस बैठक में सपा की तरफ से कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ, जबकि उत्तर प्रदेश में 2022 में विधान सभा चुनाव होने हैं जहां सपा बिना कांग्रेस को साथ लिए खुद को बीजेपी के सामने सबसे मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। वहीं बसपा भी विपक्षी एकजुटता की किसी भी गठबंधन से दूरी बना कर रख रही है।