भोपाल। राजधानी भोपाल में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 10 इंच से अधिक बारिश होने से हालात बिगड़ गए है। राजधानी में रविवार से लगातार हो रही भारी बारिश से शहर के निचले इलाकों में बाढ़ के हालात हो गए है। तेज हवा के साथ हो रही भारी बारिश से शहर की कई पॉश कॉलोनियां पानी में डूब गई है। वहीं सड़कों पर जलजमाव से ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
भोपाल में लगातार हो रही भारी बारिश से बड़ा तालाब और शाहपुरा झील ओवर फ्लो हो गई है। शाहपुरा झील का पानी प्रशासन अकादमी के पास सड़क पर आ गया है। वहीं बड़े तालाब में कूज भी तेज हवा और पानी के चलते डूबने लगा है।
बिजली बंद : वहीं राजधानी में भदभदा, कोलार, कलियासोत समेत सभी छोटे और बड़े डैम के सभी गेट खोल दिए गए है। डैम खोले जाने से कोलार के कई इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए है। तेज तूफान के चलते राजधानी के बड़े इलाके में बीते कई घंटों बिजली सप्लाई प्रभावित है। इसके साथ राजधानी के बड़े इलाके में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
डोम गिरने से रद्द हुआ गृहमंत्री का कार्यक्रम : राजधानी में हो रही भारी बारिश के चलते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आज होने वाले कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं। राजधानी के बरखेड़ा बोंदर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का कार्यक्रम कैंसल हो गया है। भारी बारिश और तूफान के चलते कार्यक्रम स्थल पर बने डोम के गिरने से पूरा कार्यक्रम कैंसल हो गया है।
योगी और बघेल नहीं आ पाए भोपाल : इसके साथ भोपाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौसम खराब होने के चलते नहीं शामिल हो पाए।
राजधानी भोपाल के साथ गुना, रायसेन, सागर और जबलपुर में भी बीते 24 घंटे में 6 से 7 इंच बारिश होने से हालात बिगड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री ने की अपील : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में विगत 2 दिनों से लगातार तेज बारिश का दौर जारी है। भोपाल, गुना, रायसेन, सागर, जबलपुर सहित अनेक जिलों में अविराम वर्षा हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समस्त जिला प्रशासन को अतिवृष्टि में अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में अतिवृष्टि के दौरान स्थिति नियंत्रण में है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि अतिवृष्टि के दौरान सतर्क रहें। ऐसे स्थानों पर ना जाएं, जहां जलभराव की स्थिति बनती है। नदी, तालाब, डैम इत्यादि स्थानों पर भी जाने से बचें। इसके साथ प्रशासन ने जो निर्देश जिलों में जारी किए हैं, उन्हें मानें और प्रशासन का सहयोग करें।