snake court in sehore : मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में स्थित लसुड़िया परिहार गांव में दीपावली के दूसरे दिन सांपों की अदालत लगती है। इसमें कांडी की धुन पर सापों की पेशी होती है और सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आकर सांप डसने का कारण बताते हैं। इसके बाद मंदिर में सर्पदंश पीड़ित इंसान का इलाज किया जाता है।
अब आप इसे आस्था कहें या फिर अंधविश्वास। यहां आने वाले लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। स्थानीय लोग इसे दैवीय शक्ति मानते हैं। बाबा मंगलदास के मंदिर में यह प्रथा लगभग 200 सालों से चली आ रही है। इलाज के बाद लोगों के हाथ में एक धागा बांधा जाता है। इसे बंधेज कहते हैं।
दीपावली के अगले दिन प्रदेश भर से सांप के काटने के पीड़ित और उनके परिजन यहां आते हैं और सांपों के काटने का कारण जानते हैं। सर्पदंश का कारण जानने के लिए यहां सांपों को पेशी पर बुलाया जाता है। उनसे संकल्प लिया जाता है कि वे दोबारा पीड़ित को नहीं काटेंगे।
शुक्रवार को भी यहां करीब 1 दर्जन लोगों ने सांपों की पेशी करवाई। कांडी की धुन पर भरनी गाकर नागों को पेशी पर बुलाया गया। कारण जानने के साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो इसके लिए सांपों से वचन भी लिया गया।
Edited by : Nrapendra Gupta