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RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा का सरेंडर, छापे में मिली थी करोड़ों की काली कमाई

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विकास सिंह

, सोमवार, 27 जनवरी 2025 (15:35 IST)
भोपाल। लोकायुक्त, आयकर और ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई में करोड़ों की काली कमाई के आसामी निकले आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा ने आज भोपाल में सरेंडर कर दिया है। गौरतलब है कि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पिछले साल 17 दिसंबर को लोकायुक्त ने छापा मारा था। छापे के बाद सौरभ शर्मा फरार था और उसके दुबई में होने की जानकारी सामने आ रही थी। आज सौरभ शर्मा ने अपने वकील के साथ भोपाल में स्पेशल कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। सौरभ शर्मा को तलाश रही लोकायुक्त, आयकर और ईडी की टीम को इसकी भनक तक नहीं लगी।

सौरभ शर्मा ने अपनी जान को बताया था खतरा- गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत बुझाड़े ने सौरभ शर्मा की सुरक्षा की मांग सरकार से की थी। उन्होंने कहा था  कि सरकार और न्यायालय की पहली प्राथमिकता बनती है कि देश के हर नागरिक को उसकी जान की सुरक्षा प्रदान की जाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सौरभ शर्मा की जान की सुरक्षा की गारंटी दी जाती है तो सौरभ शर्मा जांच एजेंसियों के सामने हाजिर कर सारी चीजों को स्पष्ट करेगा। सौरभ शर्मा के वकील ने कहा  था कि जो भी लोग इस मामले में इन्वॉल्व है उससे सौरभ शर्मा की जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा ने सरकार औऱ जांच एजेंसियों से सुरक्षा की मांग की है, जो लोग इसमें मुख्य रूप से सम्मिलित है और जिनका यह रूपया पैसा है, उससे सौरभ की जान को खतरा है और सौरभ की जान की सुरक्षा होनी चाहिए।

सात साल में करोड़ों की काली कमाई- आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा ने सात साल की नौकरी में करोड़ों  की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किय़ा था। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर जब पिछले दिनों लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अब तक की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ  भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की  सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।

सोना लदी लावरिस कार से सौरभ शर्मा का कनेक्शन-भोपाल में मेंडोरी गांव से जिस एसयूवी गाड़ी से 54 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद हुआ है वहां सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है. जबकि उसका दोस्त चेतन गौर भी ग्वालियर का ही रहने वाला है। ग्वालियर के आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड जिस इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला है, उसका उपयोग सौरभ सिंह ही करता है। बताया जा रहा है कि चेतन सिंह, सौरभ शर्मा का बेहद नजदीकी है। सौरभ शर्मा के साथ बतौर ड्राइवर का काम शुरू करने वाले चेतन सिंह आज सौरभ सिंह का सबसे बड़ा राजदार है और सौरभ के रियल एस्सटेट से जुड़े काम वहीं संभाल रहा है। परिवहन विभाग से लेकर कारोबार में चेतन सिंह ने जिम्मेदारी संभाल रखी थी। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाले चेतन सिंह करीब छह साल पहले ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हो गया था। 

सौरभ ने चंद सालों की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों की अवैध कमाई से जमीनों और कारोबार का साम्राज्य  खड़ा कर लिया। परिवहन महकमें से नौकरी छोड़ने से पहले ही वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था. मूल रूप से ग्वालियर निवासी  सौरभ को अपने डॉक्टर पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। महज कुछ साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था। इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने ले लिया. इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा।

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