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भाई शिवराज ने किया अनबोला, सोशल मीडिया पर छलका उमा का दर्द, कहा मार्च 2022 तक स्नेह के संबंंध बने रहे

शराबबंदी पर आमने-समाने शिवराज और उमा

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हमें फॉलो करें भाई शिवराज ने किया अनबोला, सोशल मीडिया पर छलका उमा का दर्द, कहा मार्च 2022 तक स्नेह के संबंंध बने रहे
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विकास सिंह

, सोमवार, 4 अप्रैल 2022 (15:35 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती खुलकर आमने-सामने हो गए है। उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शराबबंदी पर दिए बयान पर अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पलटवार किया है। 
 
उमा भारती ने आज सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जवाब देते हुए लिखा कि “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान जी से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज जी ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे। मैंने शिवराज जी से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं। शिवराज सिंह जी ने परसों कहा है कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी।
 
वहीं उमा भारती ने अपने ट्वीट में अवैध शराब को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है, यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है। 
 
इसके साथ ही उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि अभी हमें शुरुआत यहां से करना चाहिए अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें। स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों। घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके। जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें वहां दुकाने ना खोली  जाएं, इन्हीं ने तो हमारी सरकार बनाई है। पहले इतना कर लें, फिर जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होर्डिंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं। फिर जागरूकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के साधु संत,सामाजिक संस्थाएं तथा मेरे एवं शिवराज जी की तरह सभी दलों के नेता शामिल हों।
 

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