भोपाल। दो दिन तक सतपुड़ा की खूबसूरत वादियों में मंथन करने के बाद अब टीम शिवराज चुनावी मोड पर आ गई है। दो दिन चले मंथन में शिवराज सरकार का पूरा फोकस मिशन-2023 पर रहा। पचमढ़ी चिंतन बैठक के बाद एक बात साफ हो गई है कि शिवराज सरकार अब पूरी तरह इलेक्शन मोड पर है और भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही चेहरे पर ही लड़ने जा रही है।
चिंतन बैठक में तय किया गया कि शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल की फ्लैगशिप योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, लाडली लक्ष्मी योजना के साथ-साथ तीर्थ दर्शन योजना को फिर से लांन्च किया जाएगा। इसके साथ सीएम राइज स्कूल योजना जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके है को भी नए शिक्षण सत्र से प्रारंभ करने का फैसला किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को 21 अप्रैल से फिर से नए स्वरूप में प्रारंभ किए जाएंगा। कन्या विवाह के आयोजन की राशि को 51 हजार से बढ़ाकर 55 हजार रुपए किया जा रहा है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले समारोह का विकासखंड के स्तर पर पहले से तिथि तय की जाएगी, प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इसके साथ चिंतन बैठक में कोरोना के चलते बंद मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को 18 अप्रैल से शुरु करने का निर्णय लिया गया। अप्रैल में गंगा स्नान, काशी कारीडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरु होगी। इसके साथ तीर्थ दर्शन यात्रा में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी ट्रेन में तीर्थ यात्रियों के साथ जायेंगे। ट्रेन में बोगी में स्पीकर सिस्टम के माध्यम से तीर्थ स्थलों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसके साथ तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई तीर्थ दर्शन यात्रा से भी जोड़े जाने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये वे योजनाओं है जिन्हें मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले लागू किया और बाद में अन्य राज्यों ने इस अपने यहां लागू किया।
पचमढ़ी बैठक में शिवराज जिस आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दिए वह यह बतात है कि उनको केंद्र की तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का लगातार मध्यप्रदेश के कार्यक्रमों में वर्चुएल और एक्चुअल रूप से शामिल होना और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करना भी इस बात के संकेत है कि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव में मोदी और शिवराज के चेहरे के साथ उतरने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
पचमढ़ी चिंतन बैठक में शिवराज ने जिस आत्मविश्वास आने वाले समय में कार्यक्रमों का रेखाचित्र खींचा वह यह बताता है कि वह मध्यप्रदेश को देश भर में एक ख़ास पहचान प्रदान करने के लिए पूरी तरह संकल्पित है। दरअसल सरकार की योजना और कार्यक्रम ही नहीं,बल्कि उन पर अमल के लिहाज से भी शिवराज राज्य में अपने लगभग सभी पूर्ववर्तियों से काफी आगे हैं। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण पक्ष यह कि चौहान ने नवाचार पर सर्वाधिक जोर दिया है। उनकी उपलब्धियों के खाते के वृहद आकार में इसी बात का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
ऐसे में जब शिवराज सिंह चौहान देश में भाजपा के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके है तब वह अपने नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भाजपा शासित राज्य की एक ऐसी छवि बनाना चाह रहे है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ की कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरता हो।